आदिवासी कुड़मि समाज की केंद्रीय कमेटी का पुनर्गठन, फरवरी में तीन राज्यों में निर्णायक आंदोलन की घोषणा
एसटी दर्जा, कुड़मालि भाषा की मान्यता और धर्म कोड लागू करने की मांग पर आंदोलन तेज करेगा कुड़मि समाज

रांची : झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू रोड स्थित रीता श्री वेंकट हॉल में आयोजित आदिवासी कुड़मि समाज के दो दिवसीय महाधिवेशन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो ने की जबकि मुख्य वक्ता एवं समाज के संयोजक अजीत प्रसाद महतो ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार 5 और 6 फरवरी 2026 तक कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति सूची (एसटी) में शामिल नहीं करती, तो झारखंड, बंगाल और ओडिशा में निर्णायक आंदोलन शुरू किया जाएगा। महाधिवेशन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आंदोलन का लक्ष्य तीन प्रमुख मांगों पर केंद्रित रहेगा जिसमें कुड़मी समाज को एसटी दर्जा, कुड़मालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान और आदिवासी धर्म कोड लागू करना है। इस अवसर पर तीनों राज्यों के बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और राज्य कमेटियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम में समाज की केंद्रीय कमेटी को भंग कर नया पुनर्गठन किया गया। नई कमेटी में अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, महासचिव जोगेश्वर नागवंशी, कोषाध्यक्ष रासबिहारी महतो तथा प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर को मनोनीत किया गया। तीनों राज्यों की प्रदेश कमेटियों का पुनर्गठन झारखंड में 6-7 दिसंबर, ओडिशा में 28 दिसंबर और पश्चिम बंगाल में 4 जनवरी 2026 को किया जाएगा। महाधिवेशन में यह भी कहा गया कि कुड़मि समाज अपनी पहचान, अस्तित्व और अधिकार के लिए अब निर्णायक संघर्ष के चरण में प्रवेश कर चुका है।