चौका थाना की नाक के नीचे फलफूल रहा अवैध खनिज कारोबार, पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से एनएच किनारे टाल सक्रिय
कोयला-आयरन ओर की चोरी में चौका और चांडिल प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल, ट्रक चालकों से अवैध सौदे का खुलासा

इंचागढ़ : झारखंड का औद्योगिक इलाका एक बार फिर अवैध खनिज कारोबार के कारण सुर्खियों में है। नीमडीह थाना क्षेत्र में अवैध खनिज टाल के खुलासे के बाद अब चौका थाना क्षेत्र के एनएच-33 किनारे भी ऐसे कई अवैध खनिज कटिंग टाल उभर आए हैं जहाँ से प्रतिदिन लाखों रुपये के खनिज जैसे कोयला, आयरन ओर, मैंगनीज और महंगे पत्थर की चोरी की जा रही है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार इन टालों पर अवैध गतिविधियों को ढाबा या चाय-नाश्ता दुकानों के रूप में छिपाया गया है। ट्रक चालक जब यहाँ रुकते हैं तो खनिज सामग्री के सौदे किए जाते हैं। सौदा तय होते ही ट्रक को ढाबे के पीछे बने गुप्त गोदाम में ले जाया जाता है जहाँ से माल का हिस्सा उतारकर चोरी कर लिया जाता है। इसके बाद ट्रक में पत्थर या पानी भरकर वजन बराबर कर दिया जाता है ताकि कंपनी में पहुंचने पर धोखाधड़ी पकड़ में न आए।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि चौका थाना पुलिस प्रतिदिन इन मार्गों से गुजरती है, चाय-नाश्ता भी करती है लेकिन उन्हें ये अवैध गतिविधियाँ कभी दिखाई नहीं देतीं। यही स्थिति चांडिल अंचल प्रशासन की भी है जो इन खनिज टालों की मौजूदगी से अनजान बनने का ढोंग कर रहा है।
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स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क पुलिस और प्रशासनिक संरक्षण में फल-फूल रहा है। यदि उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो यह खनिज माफिया गठजोड़ झारखंड की औद्योगिक छवि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भ्रष्टाचार और संसाधन-लूट की छाया डाल सकता है।
लोगों ने राज्य सरकार और खनन विभाग से मांग की है कि इन अवैध टालों पर तत्काल छापेमारी हो और चौका थाना व चांडिल अंचल के अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।