चाण्डिल बांध विस्थापितों के मुद्दे पर बड़ी पहल, 85 वर्षीय बिंदु ग्वालीन को तुरंत पुनर्वास अनुदान देने का सचिव ने दिया आदेश
116 गांवों के 19 हजार से अधिक विस्थापितों के हक पर केंद्रित हुई उच्चस्तरीय बैठक, R.L आधारित बाध्यता की विभाग करेगा व्यापक समीक्षा

इंचागढ़ : रांची में मंगलवार को विस्थापित अधिकार मंच फाउंडेशन के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने जल संसाधन विभाग, झारखंड के सचिव से मुलाकात कर चाण्डिल बांध विस्थापितों के पुनर्वास, मुआवजा और R.L आधारित बाध्यता को समाप्त करने से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान श्री महतो ने बताया कि सुवर्णरेखा परियोजना के चाण्डिल बांध से 116 ग्राम और 19,115 परिवार प्रभावित हुए हैं परंतु आर.एल. आधारित बाध्यता की जटिलता के कारण हजारों विस्थापित अब तक अपने अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने बैठक में 85 वर्षीय पूर्ण विस्थापित महिला बिंदु ग्वालीन का मामला प्रमुखता से उठाया जो पाँच वर्षों से गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और 2019-20 से आवेदन के बावजूद पुनर्वास अनुदान प्राप्त नहीं कर सकी थीं। मुद्दे की गंभीरता समझते हुए सचिव ने तत्काल आदेश जारी कर बिंदु ग्वालीन को देय पुनर्वास अनुदान का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। सचिव ने यह भी आश्वस्त किया कि विभाग R.L आधारित बाध्यता और सभी लंबित मामलों की विस्तृत समीक्षा करेगा ताकि वास्तविक सभी विस्थापितों को उचित पुनर्वास और मुआवजा मिल सके। राकेश रंजन महतो ने इस निर्णय को ऐतिहासिक राहत बताते हुए कहा कि यह कदम न केवल बिंदु ग्वालीन जैसी बुजुर्ग महिला के लिए उम्मीद की किरण है बल्कि उन हजारों विस्थापित परिवारों के लिए भी जो वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में हैं। हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक चाण्डिल बांध के सभी विस्थापितों को सम्मानजनक पुनर्वास नहीं मिल जाता। यह मुलाकात और सचिव का निर्णय चाण्डिल विस्थापितों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।