21 नवंबर 2024 का वैदिक पंचांग, राशिफल और उपाय (गुरुवार)
रिपोर्ट: VBN News Desk,4 घंटे पहले
आगे पढ़ेंझारखंड के हैं श्याम बिहारी, ढाई दशक पूर्व कोयलांचल में लिखा पहला उपन्यास 'धपेल', अब बनारस में रहकर भारतेंदु पर वृहद कृति की रचना
रिपोर्ट: Ashwini kumar Ghai,286 दिन पहले
आगे पढ़ेंआप सभी को हिंदी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
रिपोर्ट: कार्तिक कुमार,433 दिन पहले
आगे पढ़ेंअखिल भारत वर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक आजाद की ओर से गया जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता ब्रज भूषण सिंह ने गया के नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार,पटना निवासी नीलम सिंह चंद्रवंशी,सिकंदरा निवासी कृष्ण कुमार चंद्रवंशी एवं हाजीपुर निवासी सुनील कुमार सिंह के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
रिपोर्ट: VBN News Desk,473 दिन पहले
आगे पढ़ेंपलायन को बढ़ावा देने में साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) को भी अहम् कारक माना जा रहा है। इरादा तो वरदान साबित करने का था। लेकिन अब कक्षा 12 के अंकों से तय नहीं होगा कि किस कॉलेज में दाख़िला मिलेगा।
रिपोर्ट: VBN News Desk,475 दिन पहले
आगे पढ़ेंविपक्षी गठबंधन के इस नए नाम से आपत्ति जताते हुए भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हिसाबी राय ने कहा कि किसी भी पार्टी या गठबंधन का नाम देश का पर्यायवाची नहीं होना चाहिए, हमारा देश किसी व्यक्ति या संगठन से बड़ा है, विपक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए 'इंडिया' का इस्तेमाल किया और इसने देश की गरिमा का अनादर किया।
रिपोर्ट: कार्तिक कुमार,488 दिन पहले
आगे पढ़ेंइंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री सह मगध फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने इस मामले का समर्थन करते हुए कहा है कि मगधकालीन भारत के अंतर्गत आने वाले देशों के नागरिकों का आपस में शादी व्याह संबंध स्थापित करने का अधिकार मिलना चाहिए।
रिपोर्ट: Ashwini kumar Ghai,498 दिन पहले
आगे पढ़ेंहूल विद्रोह का वास्तविक अर्थ क्रांति बगावत है । इस विद्रोह को संथाल परगना का प्रथम जन क्रांति भी कहा जाता है। काल मार्क्स ने संथाल विद्रोह को भारत की प्रथम जन क्रांति की संज्ञा दी है। इस विद्रोह को सिंदो कांन्हू चांद भैरो और फूरो झानों ने शुरुआत की थी ।
रिपोर्ट: कार्तिक कुमार,510 दिन पहले
आगे पढ़ेंहबीब तनवीर का जन्म मध्य प्रदेश के रायपुर में 1 सितंबर 1923 को हुआ था। वर्तमान में उनकी जन्मस्थली छत्तीसगढ़ की राजधानी है। उनका वास्तविक नाम हबीब अहमद था। बचपन से ही लिखने पढ़ने के शौकीन हबीब अहमद ने नागपुर से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एम ए तक की शिक्षा ग्रहण की।
रिपोर्ट: Prem Prakash,531 दिन पहले
आगे पढ़ें### 1857 के संग्राम में बाबू कुंवर सिंह 1857 में अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढ़ाया। मंगल पांडे की बहादुरी ने सारे देश में विप्लव मचा दिया। बिहार की दानापुर रेजिमेंट, बंगाल के बैरकपुर और रामगढ़ के सिपाहियों ने बगावत कर दी। मेरठ, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, झांसी और दिल्ली में भी आग भड़क उठी। ऐसे हालात में बाबू कुंवर सिंह ने अपने सेनापति मैकु सिंह एवं भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया।
रिपोर्ट: विजय,577 दिन पहले
आगे पढ़ेंहिन्दू धर्म में महत्त्व अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर समुद्र व गङ्गा स्नान करके और शान्त चित्त होकर, भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने का प्रावधान है। नैवेद्य में जौ व गेहूँ का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल अर्पित किया जाता है। तत्पश्चात फल, फूल, पात्र, तथा वस्त्र आदि दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा दी जाती है। ब्राह्मण को भोजन करवाना कल्याणकारी समझा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए तथा नए वस्त्र और आभूषण पहनने चाहिए। गौ, भूमि, स्वर्ण पात्र इत्यादि का दान भी इस दिन किया जाता है। यह तिथि वसन्त ऋतु के अन्त और ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ का दिन भी है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे घड़े, कुल्हड, सकोरे, पंखे, खडाऊँ, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, शक्कर, साग, इमली, सत्तू आदि घर्मी में लाभकारी वस्तुओं का दान पुण्यकारी माना गया है। इस दान के पीछे यह लोक विश्वास है कि इस दिन जिन-जिन वस्तुओं का दान किया जाएगा, वे समस्त वस्तुएँ स्वर्ग व अगले जन्म में प्राप्त होगी। इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा श्वेत कमल अथवा श्ववेत पाटल (गुलाब) व पीले पाटल से करनी चाहिये।
रिपोर्ट: विजय,579 दिन पहले
आगे पढ़ेंकौन हैं संजीव शेखर पेशे से कॉरपोरेट प्रोफेशनल श्री संजीव शेखर को पत्रकारिता का भी लंबा अनुभव है। दशकों तक उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के लिए काम चुके हैं। पढ़ने—लिखने में गहरी रूचि रखनेवाले संजीव शेखर की अभी तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। पत्रकारिता पर आधारित पुस्तक वियोंड न्यूज, महिला सशक्तिकरण पर आधारित पुस्तक डेडलॉक के बाद राइड एवभ द क्लाउड उनकी तीसरी पुस्तक है। श्री शेखर अपने विभिन्न नौकरियों में अपनी समझदारी, नैतिकता और समाजसेवा के सिद्धांतों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई आर्टिकल्स, ब्लॉग्स, रिपोर्ट्स और अन्य प्रकार के सामग्री लिखी हैं, जो उनकी विशेषज्ञता को दर्शाती हैं।
रिपोर्ट: विजय,584 दिन पहले
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