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श्यामल का 'धपेल' के बाद अब 'घाम', विश्व पुस्तक मेले में चमकेगा पलामू

रिपोर्ट: Ashwini kumar Ghai286 दिन पहलेआर्टिकल

झारखंड के हैं श्याम बिहारी, ढाई दशक पूर्व कोयलांचल में लिखा पहला उपन्यास 'धपेल', अब बनारस में रहकर भारतेंदु पर वृहद कृति की रचना

श्यामल का 'धपेल' के बाद अब 'घाम', विश्व पुस्तक मेले में चमकेगा पलामू

डाल्टनगंज : साहित्य के वृहद शब्द संसार के फलक पर पलामू एक बार पुनः गूंजने को तैयार है. हिन्दी भाषा के प्रतिनिधि कथाकार श्याम बिहारी श्यामल के नए कहानी संग्रह ''घाम'' की शीर्षक कथा ही पलामू का जीवंत आख्यान है. इसमें देश के इस उपेक्षित क्षेत्र का भूगोल और आम व बहु स्तरीय जीवन-संदर्भ ही नहीं, बल्कि जन-मनोविज्ञान का भी गहरी संवेदना के साथ शब्दांकन हुआ है. इस संग्रह में पलामू और बनारस पर अन्य एक दर्जन कहानियां संकलित हैं. ''घाम'' का प्रकाशन देश के प्रतिष्ठित अग्रणी प्रकाशन गृह राजपाल एंड संस ने नई दिल्ली से किया है. इसके लोकार्पण और इस पर परिचर्चा का आयोजन, राजधानी के प्रगति मैदान में आगामी 10 से 18 फरवरी के बीच प्रस्तावित विश्व पुस्तक मेला में होगा. श्यामल झारखंड के पलामू जिले के मूल निवासी हैं. उन्होंने दो दशक पहले, लगभग बारह वर्षों के अपने कोयलांचल-प्रवास के दौरान प्रथम उपन्यास 'धपेल' समेत दो चर्चित औपन्यासिक कृतियों की रचना की. इन दिनों वे वाराणसी में रहते और लेखन-पत्रकारिता करते हैं. उन्हें उनके वृहद उपन्यास 'कंथा' के लिए पिछले साल उत्तर प्रदेश का प्रतिष्ठित प्रेमचंद पुरस्कार मिल चुका है. इसे 2021 में राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. राजकमल से ही 1998 में प्रकाशित उनका पहला उपन्यास ''धपेल'' शीर्षस्थ आलोचक डॉ.नामवर सिंह की सराहना पाकर काफी चर्चित हुआ, जिसमें पलामू के सूखा-अकाल से त्रस्त जीवन का संघर्ष दर्ज़ हुआ है. इस विषय पर हिन्दी साहित्य के वृहद फलक पर रेखांकित ''धपेल'' ऐसा पहला उपन्यास माना गया है. इसके प्रकाशन के 25 साल पूरे होने पर पिछले वर्ष इसका सस्ता पेपरबैक संस्करण भी छपकर आया, जिसका वृहद हिन्दी संसार में स्वागत हुआ है. श्यामल इन दिनों हिन्दी भाषा साहित्य और पत्रकारिता के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के मनोसंघर्ष और जीवन पर आधारित वृहद उपन्यास ''हिन्देन्दु'' के लेखन में जुटे हैं, जिसके अंश पिछले दिनों 'इंडिया टुडे' की 'साहित्य वार्षिकी 2023' और 'प्रभात खबर' के 'दीपावली विशेषांक' समेत आधा दर्जन पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए. इस माह, अर्थात् फरवरी से ''हिन्देन्दु'' का धारावाहिक प्रकाशन प्रतिष्ठित पत्रिका '' नवनीत'' (मुंबई) में शुरू हुआ है.

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