आर ई ओ विभाग के टेंडर वर्क अलॉट में कांटेक्टर ने घोटाला का लगाया आरोप, जांच की मांग
आ ई ओ द्वारा जारी टेंडर में दुमका एसी और एक्सक्यूटिव द्वारा संवेदक को वर्क अलॉट करने में गड़बड़ी किए जाने का पाकुड़ में चर्चा का विषय बन गया है।

पाकुड़। आर ई ओ विभाग द्वारा पीसीसी सड़क निर्माण को लेकर जारी टेंडर वर्क अलॉट में पाकुड़ में फर्जीवाड़ा कर संवेदक को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के द्वारा घोटाला किया जाने की बात सामने आई है। आ ई ओ द्वारा जारी टेंडर में दुमका एसी और एक्सक्यूटिव द्वारा संवेदक को वर्क अलॉट करने में गड़बड़ी किए जाने का पाकुड़ में चर्चा का विषय बन गया है।
जारी टेंडर में वर्क अलॉट करने में एक संवेदक ने ही विभाग पर एक खास संवेदक को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर वर्क एलॉट करने की बात सामने आई है। पाकुड़ आर ई ओ विभाग द्वारा निकाली गई टेंडर संख्या आरडी डी डी पाकुड़ 97 ऑब्लिक 2024 ,25 में घोटाला की जाने का मामला पाकुड़ में संवेदक के बीच चर्चा है। विभाग द्वारा जारी टेंडर में महेशपुर ब्लॉक के श्रीरामपुर स्कूल से टोला से नीचे टोला तक 693 मीटर तक करीब 62 लाख की लागत से बनने वाली पीसीसी सड़क के टेंडर मे एलॉट में यह घोटाले बाजी की गई है ।
जारी टेंडर में वर्क का एलॉट शाहिद इकबाल उर्फ चंचल के नाम संवेदक के डिजिटल साइन उनका ना होने के बजाय पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर रोहित रंजन का डिजिटल सिग्नेचर वर्क अलॉट होना अपने आप में जांच का विषय है। इस घपलेबाजी का पर्दाफाश तकनीकी रूप से वर्क पाने का हकदार संवेदक एस के एफ डेवलपर्स के पार्टनर मोहम्मद फारूक ने लिखित रूप में आर ई ओ दुमका के एसी और पाकुड़ के एसक्यूटिव को शिकायत कर उनके पास नाइंसाफी करने का आरोप लगाते हुए पूरे टेंडर वर्क के अलॉट की जांच कराने की मांग लिखित रूप में दे कर की है।
इस मामले पर आर ई ओ एसक्यूटिव प्रयाग सिंह का कहना है कि लिखित रूप में शिकायत मिली है, इसकी जांच की जा रही है। जो भी संवेदक वर्क के लिए टेंडर डालते हैं उन्हें वर्क अलॉट के बाद आपत्ति करने का समय दिया जाता है। इस मामले की जांच की जाएगी, उधर दूसरे विभाग पीडब्लू डी के कंप्यूटर ऑपरेटर रोहित रंजन के डिजिटल सिग्नेचर से वर्क अलॉट में डिजिटल सिग्नेचर पर रोहित गोल मटोल जैसी बात कर बचते दिखे। हालांकि यह पूरा मामला अब जांच का विषय बन गया है।
विभाग द्वारा इस शिकायत पर क्या कार्रवाई होती है या फिर ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। ऐसे भी पाकुड़ में बड़े हाकिम के नाम 7 परसेंट शुल्क भी यहां चर्चा में है।फिलहाल पाकुड़ में संवेदक वर्ग के बीच आर ई ओ विभाग के इस कारनामे की चर्चा चौक चौराहा पर आम हो गई है, क्या इस मामले में पाकुड़ के युवा तेज तर्रार डीसी संज्ञान में लेते हैं या फिर?