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ईडी ने जमीन कारोबारी के ठिकाने से एक करोड़ नकदी और 100 गोली किया बरामद

रिपोर्ट: VBN News Desk7 दिन पहलेझारखण्ड

पूर्व में ईडी ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित अन्य को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने जमीन कारोबारी के ठिकाने से एक करोड़ नकदी और 100 गोली किया बरामद

रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में शुक्रवार को रांची के कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन में रहने वाले जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के ठिकाने पर छापेमारी की। ईडी ने शेखर कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद यह छापेमारी की है। बीते 12 जून को ईडी ने बड़गाईं जमीन घोटाले में गाड़ीगांव निवासी शेखर कुशवाहा को गिरफ्तार किया था।

पूर्व में ईडी ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित अन्य को गिरफ्तार किया है। शेखर कुशवाहा जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया जाने वाला 22वां अभियुक्त था। फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री के मामले की जांच के दौरान ईडी ने पाया कि शेखर बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल है। ईडी द्वारा कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के तापस घोष, संजीत कुमार और हजारीबाग के डीड राइटर इरशाद अख्तर की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद इस जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित जानकारी मिली थी।

बताया जा रहा है कि कांके थाना पुलिस ने रिवर व्यू गार्डन के मालिक और जमीन माफिया कमलेश को अक्टूबर 2021 में गिरफ्तार किया था। कमलेश कांके के चामा नगड़ी में एक आदिवासी जमीन पर जबरन जेसीबी लेकर पहुंचा था। जमीन मालिक की सूचना पर पुलिस ने कमलेश के साथ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था। मूलरूप से जमशेदपुर के सीताराम डेरा थाना क्षेत्र के भुईंयाडीह निवासी कमलेश का रांची में कोकर के चेशायर होम रोड में अपना मकान है।

कमलेश पर कांके स्थित लॉ कॉलेज से सटे रिंग रोड के किनारे करीब 25 एकड़ गैरमजरुआ जमीन पर रिवर व्यू प्रोजेक्ट खड़ा करने का आरोप है। फर्जी दस्तावेज के सहारे लॉ कॉलेज और जुमार नदी की 20.59 एकड़ जमीन हड़प लिया था। मिट्टी डालकर जमीन को समतल किया जा रहा था। कांके के तत्कालीन सीओ के निर्देश पर 27 नवंबर, 2020 को कांके अंचल अधिकारी ने एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसमें लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे स्थित रिंग रोड से सटे जुमार नदी, गैरमजरूआ जमीन और बीएयू की अधिग्रहित जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप है। मामला जब तूल पकड़ा तो जांच एसीबी को सौंप दी गई। एसीबी जांच में भी फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है।

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