पौराणिक चड़क पूजा सह मेला में पहुंचे शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, छऊ नृत्य कार्यक्रम का किया उद्घाटन
कहा: छऊ एवं पाता नृत्य स्कूली पाठ्यक्रम में होंगे शामिल, जल्द जनजातीय शिक्षकों की होगी बहाली

सरायकेला : आदित्यपुर स्थित दिंदली बस्ती में मंगलवार देर रात आयोजित पौराणिक चड़क पूजा सह मेला में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने शिरकत की। इस ऐतिहासिक मेले में पहुंचने पर दिंदली पौराणिक शिव मंदिर पूजा कमेटी की ओर से मंत्री का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। शिक्षा मंत्री ने छऊ नृत्य कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह पूजा और मेला सन 1818 से लगातार आयोजित होता आ रहा है जो आदिवासी समाज की परंपरा, संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन झारखंड की आदिम सभ्यता और संस्कृति की जीवंत झलक है जिसे सहेजकर नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 200 वर्षों तक अंग्रेजों के शासनकाल में भी आदिवासी समाज ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखा। आज हमारी सभ्यता पूरी दुनिया में विख्यात हो रही है। छऊ नृत्य के महत्व को रेखांकित करते हुए मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि यह नृत्य प्रकृति, प्रेम, युद्ध और सामाजिक जीवन की झलक प्रस्तुत करता है। इसे और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार छऊ एवं पाता नृत्य को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना बना रही है जिसका ब्लूप्रिंट जल्द तैयार किया जाएगा। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द जनजातीय शिक्षकों की बहाली करेगी ताकि स्कूलों में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई संभव हो सके। इस अवसर पर पूजा समिति के अध्यक्ष लालटू महतो, छवि महतो, रितेन महतो सहित कई गणमान्य सदस्य और स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। मेला क्षेत्र में छऊ नृत्य की प्रस्तुति के साथ सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बना रहा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक शामिल हुए।