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चैनपुर में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल, प्रधानाध्यापिका ने जन्मदिन पर लगाए 100 पेड़

रिपोर्ट: VBN News Desk53 दिन पहलेझारखण्ड

स्कूल के बच्चों के साथ केक काटकर बाटी जन्मदिन की खुशी

चैनपुर में पर्यावरण संरक्षण की मिसाल, प्रधानाध्यापिका ने जन्मदिन पर लगाए 100 पेड़

report shani ranjan चैनपुर: चैनपुर राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुकमा में एक अनोखा आयोजन हुआ जहां प्रधानाध्यापिका सुजाता खाखा ने अपने जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने स्कूल क्षेत्र में 100 पेड़ लगाए और बच्चों के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका सुजाता खाखा ने कहा की जन्मदिन पर मुझे सबसे अधिक खुशी बच्चों के साथ बिताने में मिलती है। आज मैंने अपने जन्मदिन को पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित किया है ताकि हमारे बच्चे पर्यावरण के प्रति जागरूक हों और इसके संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।

स्कूल के बच्चों ने प्रधानाध्यापिका के जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए केक काटकर और मिठाई खाकर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर निबंध और कविताएं प्रस्तुत कीं जिसे सुनकर सभी उपस्थित लोग प्रभावित हुए। प्रधानाध्यापिका सुजाता खाखा ने कहा की बच्चे हमारे भविष्य हैं और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाना हमारी जिम्मेदारी है। मैं अपने जन्मदिन को इस तरह मनाकर संतुष्ट हूं कि मैं बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर सकी। इस आयोजन में स्कूल के शिक्षक और कर्मचारी सहित बच्चो के अभिभावक भी शामिल हुए और उन्होंने प्रधानाध्यापिका को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका सुजाता खाखा ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाया और उन्हें पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा की पर्यावरण संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए काम करना चाहिए। मैं बच्चों से अपील करती हूं कि वे पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं और सभी बच्चे आज से प्रश्न लेकर अपने जन्मदिन पर अपने आंगन बागान में कम से कम पांच पेड़ लगाएंगे।

इस आयोजन के माध्यम से प्रधानाध्यापिका सुजाता खाखा ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाया और उन्हें पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन न केवल प्रधानाध्यापिका के जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए था बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम था।

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