पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का झारखंड सरकार पर तीखा हमला, आदिवासी आंदोलन पर लाठीचार्ज के विरोध में किया कोल्हान बंद का ऐलान
जनता की जान से ज्यादा सरकार को माइनिंग की कमाई प्यारी, पुलिस दमन के खिलाफ चंपई बोले, दोषियों पर SC/ST एक्ट में मुकदमा हो

सरायकेला : चाईबासा में सोमवार देर रात आदिवासी समाज के शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज और आंसू गैस फायरिंग के खिलाफ मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह सरायकेला विधायक चंपई सोरेन सड़कों पर उतर आए। उन्होंने कुजू में आदिवासी संगठनों और समाज के नेताओं के साथ बैठक कर बुधवार को संपूर्ण कोल्हान बंद की घोषणा की। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस घटना को आदिवासी-मूलवासी विरोधी नीति का परिणाम बताया और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अवैध माइनिंग के कारण इस क्षेत्र में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन सरकार को जनता की जान नहीं माइनिंग की कमाई की चिंता है। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को दमनकारी और अमानवीय बताते हुए गिरफ्तार 21 निर्दोष ग्रामीणों की तत्काल रिहाई की मांग की। साथ ही लाठीचार्ज में शामिल अधिकारियों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की मांग की। सभा के बाद हजारों की संख्या में ग्रामीण और कार्यकर्ता सरना झंडा लेकर चाईबासा की ओर पैदल मार्च पर निकले। कुजू ब्रिज पर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। मौके पर मौजूद एसडीओ और एसडीपीओ ने 17 गिरफ्तार ग्रामीणों की रिहाई का आश्वासन दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर पुलिसिया दमन नहीं रुका तो कोल्हान के लोग चुप नहीं बैठेंगे। सरकार को जनता के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। चंपई सोरेन ने कहा कि जब बाहरी लोग आदिवासियों की जमीन और सम्मान पर कब्जा करते हैं तब सरकार मौन रहती है लेकिन जब आदिवासी अपने अधिकार की बात करते हैं तो लाठीचार्ज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भोगनाडीह से लेकर नगड़ी और अब चाईबासा तक की घटनाएँ सरकार के असली चेहरे को उजागर कर रही हैं।