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झारखंड आंदोलनकारी ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप, कहा : अभी तक हुए मतदान के फाइनल रिपोर्ट में एक करोड़ सात लाख मत बढ़ाकर दिखाया गया है

रिपोर्ट: VBN News Desk35 दिन पहलेझारखण्ड

मतदान से संविधान व लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा, मतदान अवश्य करें : सुखराम हेंब्रम

झारखंड आंदोलनकारी ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप, कहा : अभी तक हुए मतदान के फाइनल रिपोर्ट में एक करोड़ सात लाख मत बढ़ाकर दिखाया गया है

चांडिल : झारखंड आंदोलनकारी स्वच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सुखराम हेंब्रम ने शुक्रवार को होटल राहुल पैलेस में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का जो रिपोर्ट आया है मतदान के दिन मतदान का जो प्रतिशत दिखाया गया है, उसके दुसरे दिन अन्य प्रतिशत दिखाया गया उसके बाद फिर एक फाइनल रिपोर्ट दिखाया गया। देश की जनता को संदेह है कि चुनाव में गड़बड़ी किया गया है।

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देश के बुद्धिजीवियों ने इस मामले को न्यायालय में ले गए हैं न्यायालय इसे संज्ञान में लेकर फाइनल रिपोर्ट में एक करोड़ सात लाख मत बढ़ाकर दिखाया गया है इस पर उचित निर्णय लें जिससे जनता का विश्वास न्याय प्रणाली पर बना रहें। यह चुनाव देश को बचाने का और राजनीति को स्वच्छ रखने का है। इसलिए सभी देशप्रेमी नागरिक चिंतन मंथन कर मताधिकार का प्रयोग करें।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 में देशवासियों से अपील करते हैं कि मतदान निश्चित रूप से करें। राष्ट्र का नवनिर्माण के लिए, देश के युवाओं का विकास के लिए, किसानों का विकास के लिए, महंगाई से त्रस्त जनताओं को मुक्ति देने के लिए, बेरोजगारी दूर करने के लिए इन मुद्दों पर चिंतन मंथन कर मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। अपना भविष्य कैसे सुधरेगा, आने वाले पीढ़ी कैसे सुरक्षित रहेगा इन विषय पर भी सोचें।

उन्होंने कहा कि देश खतरे की ओर बढ़ रहा है, संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरा में है। देश का संविधान व लोकतंत्र कैसे बचेगा इन विषय पर विचार कर मतदान करें। विगत दस साल के दरम्यान इस देश में तानाशाही शासन देखा गया है। बिना वजह बिना कारण विपक्ष के उपर ईडी, सीबीआई एवं इनकम टैक्स का कारवाई कराया जा रहा है। यह भविष्य में काफी घातक सिद्ध होगा और देश के विकास की गति रूक जायेगी। राजनीतिक दलों में वापस में द्वंद होगा जो लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा साबित होगा। इस अवसर पर कृष्णदास महतो, हाड़ीराम सोरेन, भास्कर टुडू आदि उपस्थित थे।

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