हर घर एक पौधा लगाने के शिव शिष्य परिवार इकाई के जन अभियान में शामिल हों : अमन सिंह
पर्यावरण संरक्षण के जन अभियान में अपनी भागीदारी करें सुनिश्चित : भाई धनंजय

भगवान शिव व प्रकृति के बिना जीवन की नहीं की जा सकती है कल्पना : अनिल साहू सोचों साथ लेकर क्या जाओगे, एक पौधा लगाओगे जीवन भर तर जाओगे : रवि शर्मा मेदिनीनगर (पलामू) : लंबे समय से शिव गुरु से जुड़ने व जोड़़ने का अनवरत सिलसिला चल रहा है। इसी आध्यात्मिक यात्रा के क्रम में पर्यावरण असंतुलित होने की अनुभूति को स्वअनुभूत किया गया। फिर शिव शिष्य परिवार ईकाई ने पर्यावरण को संरक्षित करने को ले विचार- विमर्श किया। निर्णय लिया गया कि हर घर एक पौधा लगाने के जन अभियान को शुरू किया जाय। उक्त बातें शिव शिष्य परिवार इकाई के राष्ट्रीय संरक्षक अमन सिंह ने कही। वे मंगलवार को स्थानीय रमाडा होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी लगभग दस हजार से अधिक पौधे लगाए गए थे। शिव शिष्य परिवार ईकाई ने पुनः आने वाले बरसात के समय लगभग एक लाख पौधे पलामू, गढ़वा, लातेहार व चतरा जिले के विभिन्न प्रखंडों में लगाने का निर्णय लिया है। इसमें सभी की सहभागिता जरूरी है। कहा कि पिछले वर्ष शिव शिष्य परिवार इकाई द्वारा लगाए गए 95 प्रतिशत पौधे बचे हुए हैं। इससे उनके हौसले बुलंद हैं।
मौके पर शिव शिष्य परिवार इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई धनंजय ने कहा कि शिव व प्रकृति में अनोनाश्रय संबंध है। शिव के बिना प्रकृति अधूरा है। प्रकृति के बिना शिव अधूरे हैं। जो महेश्वर शिव से आत्मिक प्रेम करते हैं, वे निश्चित तौर पर प्रकृति से प्रेम करते होंगे। प्रत्येक मानव मन से आग्रह है कि एक पौधा स्वहित में जरूर लगाएं। साथ ही एक पौधा परहित में लगाएं। आप जिस भी धर्म को मानते व जिस भी जाति में जीते हैं, ऑक्सीजन सभी के लिए जरूरी है। यह ऑक्सीजन कहां से आएगा। प्रकृति से तो हम बहुत कुछ ले रहे हैं। लेकिन प्रश्न उठता है कि आखिर प्रकृति को हम क्या दे रहे हैं। सभी को पर्यावरण संरक्षण की चाहत रखनी चाहिए। वर्तमान काल खंड में पर्यावरण को संरक्षित करने से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है। हम सभी जाति, धर्म, वर्ण व वर्ग से ऊपर उठकर पर्यावरण संरक्षण के जन अभियान में अपनी जन भागीदारी सुनिश्चित करें।
मौके पर शिव शिव परिवार इकाई के प्रदेश संरक्षक अनिल साहू ने कहा कि भगवान शिव व प्रकृति यह दोनों के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। अगर जीना है तो ऑक्सीजन हर हाल में चाहिए। ऑक्सीजन पेड़- पौधों से ही मिलता है। जंगल का घनत्व धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। पेड़ पौधे कम होंगे तो मनुष्य को ऑक्सीजन भी कम मात्रा में मिलेंगे। इससे जीवन पर संकट मंडराने लगेगा। एक न एक दिन सभी को धरती छोड़कर जाना है। सोचना व विचार करना होगा कि हम अपने नौनिहालों के लिए क्या छोड़ कर जाएंगे। इसके लिए आत्ममंथन करना जरूरी है। सभी कोई पर्यावरण के संरक्षण के लिए आगे आएं। साथ ही पौधे लगाने के शिव शिष्य परिवार इकाई की कड़ी में हिस्सेदार बनें।
मौके पर शिव शिव परिवार इकाई के राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षक रवि शर्मा ने कहा कि सोचों साथ लेकर क्या जाओगे, एक पौधा लगाओगे जीवन भर तर जाओगे। पर्यावरण का क्षरण से धरती पर भूकंप, बाढ़ सहित कई विपदाओं व विभिषिकाओं से गुजरना होगा। कोरोना के समय एक-एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग परेशान थे। हजारों- लाखों रुपए राशि खर्च करने के लिए तैयार थे। लेकिन भगवान शिव ने प्रकृति के रूप में निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध कराया है। ऐसे में धरती पर रहने वाले लोगों का फर्ज बनता है कि कम से कम अपने जीवन के हर खुशी वाले क्षणों में पौधे लगाएं व उसे संरक्षित करने का संकल्प लें। शिव शिष्य परिवार ईकाई संपूर्ण मानव जाति से आह्वान करती है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हर घर पौधा अभियान में सम्मिलित हों।
इस अवसर पर शिव शिष्य परिवार के राकेश कुमार सिंह ने शिव की कृपा से इकाई द्वारा दिए गए निर्णय को धरती पर उतरना जरूरी है। इसके लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। मौके पर बबलू गुप्ता, धनंजय सिंह, बृजेश शुक्ला, लाला प्रसाद यादव ने संबोधित करते हुए इकाई के कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लेने की सहमती दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिव शिष्य परिवार इकाई के सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे। सभी ने बरसात के मौसम में हर घर पौधा लगाने का संकल्प लिया।