बुनियादी सुविधाओं की मांग को ले विस्थापितों ने पचवारा सेंट्रल व नॉर्थ कॉल ब्लॉक में माइनिंग , ट्रांसपोर्टिंग किया ठप,आंदोलन पर उतरे विस्थापित
स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी विस्थापितों ने अपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन से मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
पाकुड़। पचवारा सेंट्रल कॉल ब्लॉक और नॉर्थ कोल ब्लॉक के विस्थापित रैयतों ने बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर रविवार को माइंस को ठप कर दिया है। उक्त दोनों कॉल ब्लॉक से विस्थापित हुए ग्रामीणों का मांग है की माइंस स्वीकृति और खनन के वक्त प्रबंधन और विस्थापितों के बीच हुई एम ओ यू लिखित समझौता जो हुआ था। प्रबंधन उसका पालन नहीं कर रही है। बार-बार प्रबंधन के समक्ष बात रखने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं की जाती है।
विस्थापित गांव कटहल डीह, तालझारी, आलू बेरा, चिल्गो ,बिशनपुर सहित अन्य गांव के सैकड़ो ग्रामीण रविवार के सुबह उक्त दोनों माइंस में पहुंचकर कोयले का खनन को ठप कर दिया और कंपनी से 7 दिनों के अंदर मांग पूरी होने तक धरने पर उतर आए है। विस्थापित ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे रंजन मरांडी, प्रधान मुर्मू, कॉर्नेलियस हेंब्रम, मुंशी टुडू, रमेश मुर्मू, सुरेश टुडू, आर्गेनियश मुर्मू, भुवनेश्वर टुडू सहित अन्य लोग कॉल प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन पर उतर आए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रबंध न तो खेती करने के लिए पैसा देती है और नहीं कोयला खनन पूरी करने के बाद उक्त जमीन को भर कर समतल कर रैयत को देती है। पांच सात साल से उक्त दोनों माइंस से विस्थापित और प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, बिजली, आवास, नौकरी की सुविधा अब तक लोगो को नियमानुसार उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लोगो ने प्रबंधन पर लगाया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी विस्थापितों ने अपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन से मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
विस्थापितों के आंदोलन को सपोर्ट कर रही विस्थापित आंदोलनकारी मुनि हांसदा ने कहा कि जब तक विस्थापितों को उचित मुआवजा, सुविधा और एग्रीमेंट के अनुसार शर्तो का पालन सुनिश्चित नहीं होगा तब तक माइंस में माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग ठप रखा जाएगा। इधर प्रशासन की ओर से एसडीपीओ महेशपुर और थाना प्रभारी के अलावा वेस्ट बंगाल पर कारपोरेशन के रामाशीष चटर्जी ग्रामीणों के साथ देर शाम 7:00 बजे तक वार्ता कर आंदोलन को वापस करने के लिए प्रयास में लग रहे ।बावजूद शाम 7:00 बजे खबर भेजे जाने तक लोग अनिश्चितकालीन आंदोलन पर उतरने की बात कही है। विस्थापित ग्रामीणों ने डीसी के नाम एक मांग पत्र देकर सात दिनों के अंदर उनकी मांग पूरी कराने का अनुरोध किया है।