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स्कूल बंदी की देर से सूचना पर नाराज अभिभावक और शिक्षक, जस्ट ने की व्यवस्था सुधार की मांग

रिपोर्ट: VBN News Desk1 दिन पहलेझारखण्ड

अभिभावकों का कहना है कि आज के डिजिटल युग में जब मौसम की जानकारी 10 दिन पहले उपलब्ध हो जाती है तो प्रशासन आखिर क्यों समय रहते निर्णय नहीं लेता?

स्कूल बंदी की देर से सूचना पर नाराज अभिभावक और शिक्षक, जस्ट ने की व्यवस्था सुधार की मांग

नीमडीह : सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड सहित अन्य क्षेत्रों में 18 जून को भारी बारिश के कारण पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यालयों को बंद रखने का आदेश प्रशासन द्वारा दिया गया लेकिन इसकी सूचना इतनी देर से दी गई कि अधिकांश बच्चे सुबह 7 बजे तक विद्यालय पहुंच चुके थे। इस दौरान तेज बारिश के बीच बच्चे स्कूल पहुंचे और भींगते हुए घर लौटने को मजबूर हुए। इस स्थिति से अभिभावकों और शिक्षकों में भारी नाराजगी देखी गई है। झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ (जस्ट) के प्रदेश सचिव देवेंद्र मांझी ने इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुरक्षा के लिहाज से स्कूल बंद करने का फैसला स्वागतयोग्य है लेकिन प्रशासन द्वारा आदेश की सूचना समय पर नहीं देने के कारण शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों में भ्रम और असुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई। उन्होंने मांग की कि भविष्य में ऐसे निर्देश कम से कम एक दिन पहले दिए जाएं ताकि समय रहते सभी को जानकारी मिल सके। नीमडीह प्रखंड के कई अभिभावकों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि बच्चों के साथ कोई दुर्घटना हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता? बच्चों का बारिश में भीगना और बिना मिड-डे मील के लौटना एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। अभिभावकों का कहना है कि आज के डिजिटल युग में जब मौसम की जानकारी 10 दिन पहले उपलब्ध हो जाती है तो प्रशासन आखिर क्यों समय रहते निर्णय नहीं लेता? अभिभावकों और शिक्षकों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से इस तरह की लापरवाही को दोहराने से रोकने और सूचना प्रणाली को दुरुस्त करने की मांग की है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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