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स्वदेशी जागरण मंच का जिला सम्मेलन सम्पन्न, स्वदेशी अर्थनीति को राष्ट्रीय समृद्धि का बताया आधार

रिपोर्ट: MANISH 7 घंटे पहलेझारखण्ड

मुख्य अतिथि बंदे शंकर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा: स्वदेशी ही भारत की वैभवशाली अर्थव्यवस्था की कुंजी

स्वदेशी जागरण मंच का जिला सम्मेलन सम्पन्न, स्वदेशी अर्थनीति को राष्ट्रीय समृद्धि का बताया आधार

गम्हरिया : स्वदेशी जागरण मंच सरायकेला-खरसावां का चौथा जिला सम्मेलन रविवार को छोटा गम्हरिया के सामुदायिक भवन में आयोजित हुआ जिसमें जिले के 9 प्रखंडों से आए 200 प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंच के अखिल भारतीय सह-पर्यावरण प्रमुख बंदे शंकर सिंह जबकि सम्मानित अतिथि अमित मिश्रा (प्रांत प्रचार प्रमुख) और जटाशंकर पांडेय (प्रांत विचार विभाग प्रमुख) उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र का संचालन जिला पर्यावरण प्रमुख रश्मि साहू ने किया और स्वागत भाषण जिला संयोजक अजित सिंह ने दिया। अपने विस्तृत संबोधन में अमित मिश्रा ने स्वदेशी आंदोलन के ऐतिहासिक आधार, महात्मा गांधी के योगदान और शहीद बाबू गेनू जैसे वीरों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक नीतियों की कमजोरी ने 1991 में भारत को विदेशी कंपनियों पर निर्भर होने की ओर धकेला जिसके प्रतिकार में दत्तोपंत ठेंगड़ी ने स्वदेशी जागरण मंच की स्थापना की। मुख्य अतिथि बंदे शंकर सिंह ने कहा कि भारत की समृद्धि का आधार केवल स्वदेशी उत्पाद, अनुसंधान-आधारित शिक्षा और आत्मनिर्भर आर्थिक मॉडल हो सकता है। उन्होंने चेताया कि देश विश्व की 18.5 प्रतिशत आबादी रखता है पर उसकी आय विश्व की कुल आय का मात्र 3.5 प्रतिशत है और इससे उबरने के लिए स्वदेशी उपभोग और शोध संस्कृति को बढ़ावा देना अनिवार्य है। कार्यक्रम के अन्य सत्रों में स्वावलंबी भारत अभियान, पंच-प्रण और भविष्य की कार्य-योजना पर चर्चा हुई। अंतिम सत्र में दायित्व-विभाजन किया गया जिसमें आनंद सहदेव को जिला युवा प्रमुख बनाया गया। कार्यक्रम में जिला के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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