तीन पंचायतों की जीवनरेखा सड़क बदहाल, सरकार और प्रशासन की उदासीनता पर विस्थापित अधिकार मंच का तीखा आक्रोश
पुरानडीह-तमारी-अतारग्राम सड़क मरम्मत की मांग तेज, नियमों के बावजूद महीनों से बंद फाइलें, जनता परेशान

चांडिल : ईचागढ़ प्रखंड की पुरानडीह-तमारी-अतारग्राम-दुमटाँड़ मुख्य सड़क की जर्जर स्थिति के खिलाफ विस्थापित अधिकार मंच ने जिला प्रशासन और सरकार की उदासीनता पर तीखी नाराजगी व्यक्त की है। मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि पातकुम, चिमटिया और मैसाढ़ा तीनों पंचायतों के लिए यह सड़क जीवनरेखा है पर वर्तमान हालत किसी खतरे से कम नहीं। बड़े-बड़े गड्ढों से भरी सड़क बरसात में तालाब का रूप ले लेती है और आवागमन लगभग ठप पड़ जाता है। स्थानीय जनता के अनुसार सड़क के लिए बार-बार आवेदन, जनप्रतिनिधियों से आग्रह और ग्रामीण सभाओं के संकल्प के बावजूद अब तक कोई वास्तविक कार्रवाई नहीं हुई। जबकि Jharkhand Road Infrastructure Policy तथा ग्रामीण सड़कों के लिए लागू PMGSY के मानक यह स्पष्ट निर्देश देते हैं कि महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी मार्गों की मरम्मत प्राथमिकता से की जाए। इसके बावजूद संबंधित विभाग और जनप्रतिनिधि मौन हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों, रोज़गार के लिए आने-जाने वाले मजदूरों, मरीजों और छोटे व्यापारियों के लिए यह मार्ग एकमात्र विकल्प है। लगातार बढ़ते हादसों के खतरे ने ग्रामीणों की चिंता और बढ़ा दी है। राकेश रंजन महतो ने कहा कि हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस सड़क का आपात आधार पर निर्माण शुरू किया जाए, वरना आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और जिला प्रशासन की अनदेखी ने हजारों लोगों को असुरक्षित और कठिन परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर कर दिया है।