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एनआईटी जमशेदपुर में विज्ञान नवाचार शिविर का सफल आयोजन, 160 छात्रों ने लिया भाग

रिपोर्ट: 1 दिन पहलेझारखण्ड

यह शिविर छात्रों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की गहरी समझ और नवाचार के प्रति प्रेरणा का स्रोत बना।

एनआईटी जमशेदपुर में विज्ञान नवाचार शिविर का सफल आयोजन, 160 छात्रों ने लिया भाग

आदित्यपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी जमशेदपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विज्ञान नवाचार शिविर का सफल आयोजन मंगलवार को संस्थान परिसर में किया गया। यह शिविर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित था। ![IMG-20241119-WA0018.jpg(/uploads/IMG_20241119_WA_0018_3899ba5e87.jpg) शिविर का उद्घाटन NIT जमशेदपुर के निदेशक प्रो. डॉ. गौतम सूत्रधार द्वारा किया गया। उद्घाटन के दौरान उन्होंने छात्रों को रचनात्मक सोच और नवाचार के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे अत्याधुनिक अनुसंधान और तकनीकी विकास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, अनुसंधान एवं परामर्श विभाग के डीन प्रो. एम.के. सिन्हा, ने छात्रों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। यह शिविर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. सतीश कुमार के नेतृत्व में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आसपास के स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 160 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने संस्थान की प्रमुख प्रयोगशालाओं का दौरा किया और आधुनिक तकनीकों व उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त की। तकनीकी सत्र और रोबोटिक्स पर व्याख्यान में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. विजय डल्ला ने रोबोटिक्स के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। वहीं प्रो. डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली के महत्व पर एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने तकनीकी और सांस्कृतिक समावेशन के माध्यम से भारतीय परंपरा में नवाचार की समृद्ध धरोहर पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. बिपिन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और आयोजन से जुड़े सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। यह शिविर छात्रों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की गहरी समझ और नवाचार के प्रति प्रेरणा का स्रोत बना। इस कार्यक्रम ने उन्हें शोध और आविष्कार के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।

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