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आदिवासी चिरगाल जुबान संगठन ने हाथीगढ़ माइंस इलाके का किया दौरा

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार13 दिन पहलेझारखण्ड

अवैध माइनिंग का लगाया आरोप, जल्द जांच हो: निर्मल मुर्मू

पाकुड़ । लगातार छ दिनों से हाथीगढ़ गांव में जमीन मालिक और ग्रामीणों ने पत्थर खदान और क्रशर को बंद कर रखा है।माइनिंग अफसर को लिखित शिकायत के बाद भी जांच नहीं करने का आरोप ग्रामीण और रैयतो ने लगाया है।ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद अब तक जांच हुई और न ही कोई बड़े पदाधिकारी देखने के लिए ही आए।

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शनिवार को समाजसेवी निर्मल मुर्मू एवं आदिवासी चिरगा़ल जुवान के सदस्यों ने हाथीगढ़ गांव का दौरा किया। टीम ने खदान, क्रशर और प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। रैयत और जमीन मालिक का हाल जाना। सर जमीन को देखा गया।

हिरणपुर बरहरवा मुख्य पथ के दोनों और अवैध तरीके से पुरातन पतित पर पत्थर खदान बनाया गया है सड़क से मात्र तीन फीट की दूरी पर खदान है ।पूर्वी हिस्सा में और पश्चिमी हिस्सा में पांच या दस फीट की दूरी पर है और दोनों पुरातन पतित की जमीन पर बनाया गया है ।

यहां रोजाना आने जाने वाले राहगीरों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करना पड़ता है। यहां वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण चरम पर है। हैवी ब्लास्टिंग से आसपास के मकानों में दरार आने लगी है। पर्यावरण को क्षति पहुंचाई गई है।

संगठन के सदस्य कहा कि इसके विरोध में विधिवत् तरीके से आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों को हरसंभव मदद किया जाएगा और जब तक जांच नहीं होती है तब तक दबाव बनाया जाएगा। रैयतों ने कहा कि यहां पर कंपनी के कुछ दलाल लोग जबरन मुद्दा को डायवर्ट करते हुए मजदूरी भुगतान की ओर ले जा रहे हैं लेकिन उससे कहीं अधिक समास्या यहां के जमीन मालिक, ग्रामीण एवं आसपास के प्रभावित गांवों से जुड़ा हुआ है।

मौके पर सोम बेसरा, संदीप मुर्मू,कोर्नेलियस मराण्डी, मंगल हांसदा, सत्येन्द्र किस्कू,सुनीराम मुर्मू,बाबुधन टुडू,इग्नासियस मराण्डी,राजू मुर्मू,बैजल मराण्डी,महातन टुडू के साथ साथ ढेरों रैयत और जमीन मालिक उपस्थित थे।

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