नेपाल में 22 दिनों में 11 भूकंप के झटके, नेपाल-चीन सीमा पर 7.1 तीव्रता का भूकंप, कई देशों में महसूस हुए झटके
नेपाल में पिछले 22 दिनों के भीतर लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं

काठमांडू : मंगलवार सुबह नेपाल-चीन सीमा पर आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने नेपाल समेत भारत, बांग्लादेश, भूटान और चीन के तिब्बत क्षेत्र में दहशत फैला दी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अनुसार, यह पिछले 22 दिनों में नेपाल में महसूस किया गया 11वां भूकंप है।
काठमांडू में पांच दिनों में दूसरा झटका
काठमांडू में यह झटका पांच दिनों में दूसरा था। इससे पहले 2 जनवरी को सिन्धुपालचोक के माझीटार क्षेत्र में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था।
22 दिनों में 11 भूकंप के झटके
नेपाल में पिछले 22 दिनों के भीतर लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं:
17 दिसंबर: बझांग जिले के धमेना में 4.3 तीव्रता।
18 दिसंबर: धमेना में ही 4.1 तीव्रता।
19 दिसंबर: मनाङ्ग जिले के नेस्याङ में 4.7 तीव्रता।
21 दिसंबर: बाजुरा के जगन्नाथ गांव पालिका में 5.2 तीव्रता।
24 दिसंबर: दार्चुला जिले में अपि हिमाल क्षेत्र में 4.0 तीव्रता।
26 दिसंबर: जाजरकोट नायकवाडा में 4.2 तीव्रता।
27 दिसंबर: कालिकोट जिले के लाली क्षेत्र में 3.7 तीव्रता।
31 दिसंबर: बैतडी के सिगास गांवपालिका में 4.6 तीव्रता।
2 जनवरी: सिन्धुपालचोक के माझीटार में 4.8 तीव्रता।
3 जनवरी: मुगु जिले के लुमा क्षेत्र में 4.4 तीव्रता।
भूकंप का केंद्र और संभावित कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि नेपाल और उसके आसपास के क्षेत्र हिमालयी भूकंपीय पट्टी में आते हैं, जहां भूकंप का आना सामान्य है। मंगलवार को आए 7.1 तीव्रता के भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास स्थित था। भूकंप के झटकों ने न केवल नेपाल बल्कि भारत के उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार के कुछ हिस्सों, साथ ही बांग्लादेश और भूटान को भी प्रभावित किया। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। नेपाल में लगातार बढ़ती भूकंपीय गतिविधियों ने विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है, जो इसे भविष्य में संभावित बड़े भूकंप का संकेत मानते हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।