नीमडीह में प्रशासनिक लापरवाही उजागर, बिना आधार कार्ड के कई प्रमाणपत्र निर्गत कर नियुक्त की गई सेविका
ग्रामसभा से एक दिन पहले हुई शादी, उसी दिन मिला वंशावली, जाती, आवासीय और आय प्रमाणपत्र, सीओ सीडीपीओ की भूमिका संदिग्ध

नीमडीह : सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत लाकड़ी पंचायत के बांदु गांव में नवसृजित आंगनबाड़ी केंद्र के लिए सेविका चयन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आरोप है कि चयनित अभ्यर्थी माधुरी महतो को बिना वैध दस्तावेजों के जाति व आवासीय प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया गया और उन्हें आंगनबाड़ी सेविका पद पर नियुक्त भी कर दिया गया। बताया गया कि ग्रामसभा का आयोजन ग्रामप्रधान श्यामल वरण पांडे की अध्यक्षता में किया गया जिसमें पंचायत की मुखिया सरली देवी, समिति सदस्य अर्चना महतो व वार्ड पार्षद दीपाली पांडे समेत बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। कुल चार महिला अभ्यर्थियों में माधुरी महतो को 37 अंकों के आधार पर चयनित किया गया। चयन की प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहीं सीडीपीओ विभा सिन्हा ने दावा किया कि चयन मेरिट लिस्ट और पोषक क्षेत्र की सीमा को ध्यान में रखकर किया गया है। हालांकि स्थानीय ग्रामीणों ने इस चयन को लेकर आपत्ति जताई है। ग्रामीण आदित्य महतो ने आरोप लगाया कि माधुरी महतो की हाल में ही शादी हुई है और वे इस पंचायत की स्थायी निवासी नहीं हैं। उनका कहना है कि ग्रामसभा से ठीक पहले उन्हें शादी कर बांदु गांव लाया गया और उसी दिन उन्हें स्थानीय निवासी प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया जो कि नियमों का उल्लंघन है। आरोप है कि प्रमाणपत्र में आधार कार्ड तक संलग्न नहीं किया गया और विवाह का कोई वैध सरकारी दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया गया। इससे पहले आयोजित ग्रामसभा में एक अन्य अभ्यर्थी रोशनी महतो का चयन हुआ था जिसे सीडीपीओ ने कोरम पूरा नहीं होने का हवाला देकर रद्द कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि चयन प्रक्रिया में सीडीपीओ ने मनमानी की और नियमों को दरकिनार कर अपनी पसंद की अभ्यर्थी को नियुक्त किया।
नीमडीह अंचलाधिकारी अभिषेक कुमार ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के सरकारी प्रमाणपत्र के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। विवाह का कार्ड प्रमाण के रूप में मान्य नहीं होता और बिना आधार के प्रमाणपत्र जारी करना नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो प्रमाणपत्र रद्द किए जाएंगे।
ग्रामीणों में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों ने मांग की है कि आंगनबाड़ी सेविका चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कर पुनः ग्रामसभा बुलाई जाए और सही पात्र उम्मीदवार का चयन किया जाए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।