बालु का उठाव नहीं होनें से अबूआ आवास बनाने में लाभुकों को हो रही है कठिनाई
लाभुक रेंट पर रहनें पर मजबूर।
Report by Shaniranjan
एक ओर जहां झारखंड सरकार अपनें कल्याणकारी योजना का डंका बजाती है तो दुसरे ओर उसके लाभुक योजना का लाभुक बननें के बाद पीड़िता जैसा जीवन व्यतीत करनें पर मजबूर हो जाते हैं कुछ ऐसा ही हाल है चैनपुर के अबूआ आवास लाभुकों का जो कि आजादी के बाद मिट्टी के घर में रहनें वालों का सपना पक्का मकान के रूप में पुरा होता दिखाई दे रहा था पर ऐसा लगता है यहां के लाभुकों के किस्मत को किसी की नजर लग गई है जो कि अपनें नीजी घर को पक्का मकान में बदलनें का सपना लेकर मिट्टी के मकान को तो ढहा देते हैं पर उस मकान को बनानें के लिए किराए के मकान पर या तो फिर किसी पुराने पड़े खंडहर पर जीवन का गुजारा करनें पर मजबूर होना पड़ रहा है।
बात करते हैं गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड का जहां लाभुकों के आंख के आंशू अपनें पुराने मिट्टी के मकान को याद करके निकल पड़ते हैं । गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड में सरकार कि योजना का लाभुक तो बना दिया गया है पर शायद सरकार अपना वादा भुल गई कि अबुआ आवास के लाभुकों को मुफ्त बालु दिया जाएगा उन्हें किसी भी प्रकार के परेशानियों शामना नहीं करना पड़ेगा पर यहां बालु का नाम लेना भी गुणाह जैसा है ।जिसपर चैनपुर के लाभुक चैनपुर में बालू की किल्लत कि मार झेल रहे हैं।तो कोई आवास पूर्ण नहीं होने के कारण किराये के रूम लेकर रहने को मजबूर हैं तो कोई खंडहर पड़े भवन में दिन रात बिताने को मजबूर। यह हाल है चैनपुर आजाद बस्ती की रहने वाली असगरी खातून का जो फिलहाल खंडहर में रहने को मजबूर है जहां ना तो खिड़की है और ना तो दरवाजा ।उन्होंने कहा कि इससे तो अच्छा होता कि सरकार हमको मिट्टी के घर में ही रहने देता।कम से कम इतने ठंड में अपने घर में रहते छोटे बच्चों को ठंड का सामना नहीं करना पड़ता खंडहर पड़े ईस घर में सामान रखें या परिवार रहे।अबूआ आवास मिले आज 9 महिना हो गया पर मेरा घर अभी तक बालू की किल्लत से पूर्ण नहीं हो पा रहा है और प्रखंड कर्मी हर दो दिनों में आकर आवास को जल्दी बना कर पूर्ण कीजिए ऊपर से बहुत दबाव है बोल कर चले जाते है लेकिन बालू नहीं मिलने के कारण अबुआ आवास को कैसे पूर्ण किया जाए। ट्रैक्टर मालिक के पास जाते है तो बोलता है कि अभी प्रशासन की तरफ से काफी धर पकड़ हो रहा है इसलिए नहीं गिरा पाएंगे। तो ऐसे में अबुआ आवास को कैसे पूर्ण करें इसके लिए उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई है ।
क्या है अबुआ आवास योजना
अबुआ आवास योजना झारखण्ड सरकार द्वारा झारखण्ड राज्य के गरीब परिवार को पक्का मकान उपलब्ध करने हेतु शुरू की गई राज्यस्तरीय आवास योजना है।इस योजना के तहत उन सभी परिवारों को तीन कमरों वाला पक्का मकान दिया जाता है जिनके पास पक्का मकान नहीं है। सरकार की तरफ से इस योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए दो लाख का आर्थिक मदद दिया जाता है अबुआ आवास योजना का उद्देश्य उन लोगों को घर उपलब्ध कराना है जो प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाई) के तहत लाभ से वंचित थे।