दलित मजदूर सकेंद्र राम की महाराष्ट्र में हुई मौत की हो जांच, आश्रितों को मिले 50 लाख रुपये मुआवजा
दुर्घटना व मुआवजा से पल्ला झाड़ने वाले ऐसे मजदूरों की सप्लाई करनेवाले जल्लाद ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।

मेदिनीनगर (पलामू) : झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु, मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह मजदूर किसान कामगार यूनियन झारखण्ड के केन्द्रीय अध्यक्ष गिरिजा प्रसाद विश्वकर्मा व मंच के पलामू जिलाध्यक्ष विजय राम ने बुधवार को स्थानीय कचहरी प्रांगण में संयुक्त रूप से कहा कि उंटारी रोड प्रखण्ड के पलायन के शिकार सतबहिनी नौगढ़ निवासी दलित मजदूर सकेन्द्र राम (40 वर्ष) की महाराष्ट्र के ठाने में दूसरे कार्यस्थल पर भेजते समय सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी।
कांडी अधौरा निवासी गायत्री कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी की साजिश की घटना की उच्चस्तरीय जांच कर ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी को एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने मृतक के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा व अन्य जरुरी सुविधाएं दिलाने की मांग मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव, उपायुक्त समीरा एस व पलामू के श्रम अधीक्षक एतवारी महतो से किया है।
नेताओं ने मृतक की पत्नी सरिता देवी व ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी के बीच हृदयविदारक घटना के बाद हुई मोबाइल पर बातचीत का ऑडियो जारी करते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति के निहायत गरीब मजदूर की विधवा के साथ दलित समझकर दुर्घटना व मुआवजा से पल्ला झाड़ने वाले ऐसे मजदूरों की सप्लाई करनेवाले जल्लाद ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। कहा कि दूसरे कार्यस्थल पर भेजते समय हुई दुर्घटना में मौत के लिए क्या ठेकेदार व कम्पनी जिम्मेदार नहीं हैं।
कहा कि ठेकेदार ओमप्रकाश चन्द्रवंशी ने 12 मई को एयर इंडिया के एम्बुलेंस से मृतक सकेन्द्र राम के शव को रांची से नौगढ़ भेजवाकर ना तो मृतक के परिवार से मिलना जरुरी समझा बल्कि मृतक के काम क्रिया के लिए भी एक फूटी कौड़ी का सहयोग नहीं दिया। पिछले 6-7 वर्षों से मृतक सकेन्द्र राम रात दिन लगकर ओमप्रकाश चन्द्रवंशी जैसे ठेकेदार की कमाई का स्त्रोत बने हुए थे। इनका आई कार्ड व हाजिरी स्लीप तक उपलब्ध है। जेकेएम व एमकेकेयू नेताओं ने कहा है कि सरकारी निर्देश के बावजूद भी आप्रवासी मजदूरों के पलायन के पूर्व निबंधन व बीमा आदि प्रावधानों के रहते हुए भी कार्यस्थल पर मजदूरों के दूर्भाग्यपूर्ण मौतों पर उनके परिजनों को मदद के बदले अपमानित करने वाले सभी ठेकेदारों को प्रतिबंधित कर क्यों नहीं जेल भेजना चाहिए।
कहा कि घर के एक मात्र रोजी-रोटी कमाने वाले सकेन्द्र राम की मौत के बाद उसकी पत्नी सरिता देवी, पुत्र अनिकेत कुमार (19 वर्ष), पुत्री पल्लवी कुमारी (17 वर्ष), पुत्री- पुष्पा कुमारी (14 वर्ष), पिता लखदेव राम (70 वर्ष), माता-पनपतिया देवी (65 वर्ष) आदि पूरी तरह अनाथ व असहाय हो चुके हैं। इनके समक्ष खाने तक के लाले पड़े हुए हैं। कहा कि मृतक सकेन्द्र राम के उपरोक्त सभी परिजनों के अलावा छोटा भाई महेन्द्र राम,सनोज कुमार ,सुरज राम व पंकज उजाला आदि उपस्थित थे।