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मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद देर से आई छुट्टी की सूचना, भारी बारिश में स्कूल पहुंचे बच्चे, मिड-डे मील भी अधूरा

रिपोर्ट: MANISH 5 घंटे पहलेझारखण्ड

यह निर्णय तब आया जब बच्चे स्कूल में पहुंच चुके थे जिससे उन्हें तेज बारिश में लौटना पड़ा।

मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद देर से आई छुट्टी की सूचना, भारी बारिश में स्कूल पहुंचे बच्चे, मिड-डे मील भी अधूरा

सरायकेला : झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार को मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट के बावजूद स्कूलों को बंद रखने की सूचना देर से जारी की गई जिसके कारण आठवीं कक्षा तक के अधिकांश बच्चे सुबह भारी बारिश के बीच विद्यालय पहुंच चुके थे। प्रशासन की ओर से छुट्टी की औपचारिक घोषणा बुधवार सुबह 8:30 बजे की गई जब तक अधिकांश छात्र सुबह 7:00 बजे तक स्कूल पहुंच चुके थे। जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी ने उपायुक्त के माध्यम से जानकारी दी कि 18 जून को कक्षा 8 तक के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय बंद रहेंगे। हालांकि यह निर्णय तब आया जब बच्चे स्कूल में पहुंच चुके थे जिससे उन्हें तेज बारिश में लौटना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी स्कूलों के बच्चों और मिड-डे मील रसोईयों को झेलनी पड़ी जहां आनन-फानन में सुबह 9:00 बजे ही मिड-डे मील परोसा गया और छात्रों को वापस भेज दिया गया। लेकिन कई विद्यालयों में मिड-डे मील की व्यवस्था तक नहीं हो पाई जिससे छात्र भूखे पेट ही घर लौटने को मजबूर हुए। अचानक छुट्टी की घोषणा से गरीब और मजदूर वर्ग के अभिभावकों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी। बिना किसी पूर्व सूचना के घर लौटे बच्चों के लिए उन्हें काम-धंधा छोड़कर भोजन की व्यवस्था करनी पड़ी। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिजनों को इससे आर्थिक नुकसान भी हुआ। इससे पहले मंगलवार देर शाम ही भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा राज्य के कुछ जिलों के लिए भारी वर्षा और खराब मौसम को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया था। झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी करते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। इसके तहत कक्षा 8 तक के सभी विद्यालयों को बंद रखने का निर्देश दिया गया था। हालांकि ज़िला प्रशासन द्वारा इस आदेश को समय पर लागू नहीं किया गया जिससे कई बच्चों और अभिभावकों को अनावश्यक जोखिम और असुविधा का सामना करना पड़ा। नागरिकों और शिक्षकों ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह के निर्णय समय रहते और स्पष्ट तरीके से साझा किए जाएं ताकि किसी को अनावश्यक दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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