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स्कूल प्रशासन की लापरवाही से घंटों क्लास रूम में बंद रही मासूम सोनम

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार1 दिन पहलेझारखण्ड

छुट्टी होते ही स्कूल बंद कर दिया गया। शिक्षक,शिक्षिका,कर्मचारी और छात्र-छात्राएं चले गए। लेकिन सोनम... वो वहीं रह गई—कक्षा में, खामोश, अकेली।

स्कूल प्रशासन की लापरवाही से घंटों  क्लास रूम में बंद रही मासूम सोनम

हिरणपुर : बाजार स्थित थाना के समीप मध्य विद्यालय में एक ऐसी घटना घटी,जब सब को झकझोर कर रख दिया। पहली कक्षा की नन्ही छात्रा सोनम मरांडी छुट्टी के बाद स्कूल की चार दीवारी में अकेली छूट गई।

छुट्टी होते ही स्कूल बंद कर दिया गया। शिक्षक,शिक्षिका,कर्मचारी और छात्र-छात्राएं चले गए। लेकिन सोनम... वो वहीं रह गई—कक्षा में, खामोश, अकेली। तभी राह चलते कुछ लोगों ने स्कूल की खिड़की से एक बच्ची को रोते देखा। वो सिसक रही थी,चेहरा पर साफ तौर पर खौफ देखा गया।

सूचना प्रधानाध्यापक विजय कुमार को दी गई। स्कूल का दरवाज़ा खोला गया। सोनम बाहर निकली... लेकिन उसकी आंखों में जो डर था वह अभी बरकार था।मिली जानकारी के अनुसार वो बच्ची एक निजी हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही थी। उसकी उम्र इतनी नहीं कि खुद को ढूंढ सके, या मदद के लिए दरवाज़ा पीट सके। अगर खिड़की न होती, तो क्या होता? इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—किसकी ज़िम्मेदारी थी सोनम की? किसी ने नहीं गिना कि सभी बच्चे निकले या नहीं। किसी ने पलटकर नहीं देखा कि कोई रह तो नहीं गया। स्थानीय लोगों का आक्रोश जायज़ है। उन्होंने विद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर कड़े सवाल उठाए हैं। यह केवल एक लापरवाही नहीं,स्कूल प्रशासन की नहीं मानी जाएगी,उस हॉस्टल की भी उतनी ही हैं घंटों हॉस्टल वापस नहीं लौटने के बाबजूद मासूम सोनम की क्यों खोज खबर नहीं लिया गया।

इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक विजय कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि बच्ची क्लास रूम में बैंच के नीचे सो गई थी,जिससे यह घटना घटी,साथ ही उन्होंने कहा कि में 11:50तक स्कूल परिसर में ही था।

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