चुनाव आयोग ने बंगाल और दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची जारी की, 7 लाख नाम हटाए, 10.78 लाख नए मतदाता जोड़े
भाजपा ने इस सूची पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि ड्राफ्ट सूची में 17 लाख से अधिक नाम दो बार दर्ज थे।

कोलकाता : चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल और दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची जारी की। इस सूची में बंगाल से लगभग 7 लाख नाम हटाए गए, जबकि 10.78 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए। सूची को 1 जनवरी 2025 की जनसंख्या के आधार पर तैयार किया गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि हटाए गए नामों में से 4 लाख से अधिक मतदाता कार्ड निष्क्रिय पाए गए, जिनमें अधिकांश मतदाता मृत्यु के कारण अयोग्य हो गए। 3 लाख मतदाता अन्य राज्यों में चले गए, जिसके चलते उनके नाम हटाए गए। 9 हजार नाम दोहराव के कारण हटाए गए। भाजपा ने इस सूची पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि ड्राफ्ट सूची में 17 लाख से अधिक नाम दो बार दर्ज थे। इनमें से 32,886 मामलों में एक ही पहचान पत्र अलग-अलग स्थानों पर पंजीकृत था। भाजपा ने मृतक मतदाताओं के नाम सूची में शामिल होने और सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ के जरिए फर्जी दस्तावेज बनाकर नाम दर्ज कराने का भी आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता फिरहाद हकीम ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि फर्जी नामों की जांच और रोकथाम करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। नई सूची के अनुसार, पश्चिम बंगाल में कुल 7.63 करोड़ मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता 3.87 करोड़, महिला मतदाता 3.76 करोड़ है और तीसरे लिंग के 1,811 मतदाता शामिल हैं। वहीं दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची भी जारी की गई है। यहां कुल 1.55 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की कि मतदाता सूची में अगले संशोधन अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में होंगे। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बेहद अहम माना जा रहा है।