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आज़ादी के दशकों बाद भी बदहाल लात पंचायत, जर्जर सड़क पर घंटों फंसी बस, यात्रियों की जान पर बनी आफ़त

रिपोर्ट: अकरम 1 घंटे पहलेझारखण्ड

सड़क-बिजली से वंचित सुदूरवर्ती लात पंचायत, हर दिन हादसों के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण, प्रशासन से गुहार

आज़ादी के दशकों बाद भी बदहाल लात पंचायत, जर्जर सड़क पर घंटों फंसी बस, यात्रियों की जान पर बनी आफ़त

लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के लात पंचायत की स्थिति आज भी विकास से कोसों दूर है। आज़ादी के इतने दशकों बाद भी यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। न तो पक्की सड़क है और न ही नियमित बिजली की सुविधा जिससे ग्रामीणों का जीवन बेहद कठिनाई में गुजर रहा है। ताजा उदाहरण उस समय सामने आया जब लात पंचायत के लाभर से लात करमडीह मुख्य मार्ग पर जर्जर सड़क के गड्ढों में एक बस घंटों फंसी रही। बारिश और कीचड़ से भरे इस रास्ते पर बस को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां हर पल हादसे का डर बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बस पलट जाती तो कई जिंदगियां काल के गाल में समा सकती थीं। यह वही बस है जो करमडीह से जिला मुख्यालय लातेहार तक चलती है और रोज़ाना सैकड़ों लोग इसी पर निर्भर रहते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बारिश के दिनों में हालात और भी भयावह हो जाते हैं। दोपहिया से लेकर चारपहिया वाहन तक इस रास्ते से गुजरने में जोखिम उठाने को मजबूर हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी हर दिन जान हथेली पर रखकर इस जर्जर मार्ग से होकर गुजरते हैं। लात पंचायत अति सुदूरवर्ती और पिछड़ा इलाका है जहां आज भी विकास की रौशनी नहीं पहुंच पाई है। बिजली की समस्या आम बात है और सड़क की स्थिति वर्षों से जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का दर्द यह है कि इस ओर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय लोगों ने जिला उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि यदि जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। ग्रामीण उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रशासन अब उनकी समस्याओं पर ध्यान देगा और उन्हें राहत मिलेगी।

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