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सहायक शिक्षक उमेश कुमार वर्मा को दी गई विदाई

रिपोर्ट: 2 दिन पहलेझारखण्ड

इन्होंने हीरा बारवे में अपनी सेवाओं के साथ साथ उच्च कक्षाओं के छात्रों के लिए भी मार्गदर्शन एवं सहयोग का कार्य किया है।

सहायक शिक्षक उमेश कुमार वर्मा को दी गई विदाई

चैनपुर : राजकीय मध्य विद्यालय बेन्दोरा के सहायक शिक्षक, उमेश कुमार वर्मा के विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन विद्यालय प्रांगण में किया गया। इस मौके पर उन्होंने बड़े ही खुशमिजाज अंदाज में कहा कि उन्हें इस बात का कतई दुःख नहीं कि वे रिटायर हो रहे हैं क्योंकि उनके साथ पूरे शिक्षक परिवार का प्रेम, सौहार्द और आशीर्वाद है जो वे यहाँ से लेकर जा रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि मैं रिटायर नहीं बल्कि अपने काम से आजाद हो रहा हूँ। उन्होंने कहा कि ये उनके लिए अपने आप में एक ऐतिहासिक बात है कि वे सेवा काल के 30 सालों को बिता कर बिंदास अपने दूसरे कार्यों से जुड़ने जा रहे हैं।

मौके पर मौजूद बेन्दोरा पंचायत के मुखिया सुशील दीपक मिंज ने कहा कि वर्मा सर एक कर्तव्यनिष्ठ, समय के पाबंद और हमेशा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत रहे। इन्होंने हीरा बारवे में अपनी सेवाओं के साथ साथ उच्च कक्षाओं के छात्रों के लिए भी मार्गदर्शन एवं सहयोग का कार्य किया है। उन्होंने उनके उज्ज्वज भविष्य एवं उनके दीर्घायु की कामना की इस अवसर पर उमेश वर्मा की माताजी श्रीमती कमला देवी, धर्मपत्नी श्रीमती मीना वर्मा एवं जर्मन कंपनी SAP में कार्यरत उनके पुत्र ईश्वर वर्मा भी उपस्थित रहे। उनकी माताजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि "अच्छे संस्कार बाहर के किसी विद्यालय में नहीं बल्कि माँ-बाप से मिलते हैं। माँ-बाप ही बच्चों के पहले गुरू होते हैं।" उन्होंने कहा कि मुझे अपने इस लाल पर बहुत गर्व है कि इस बारवे क्षेत्र में शिक्षा रूपी ज्ञान का दान लंबे समय तक देता रहा है। इस अवसर पर प्रभारी प्रधानाध्यापक श्री अंधरियस टोप्पो ने कहा कि श्री वर्मा जी के साथ जो स्नेह और अपनत्व का रिश्ता बना है वह विदाई की बेला से विच्छेद होने का नहीं बल्कि और प्रगाढ़ता का प्रतीक है।

इस मौके पर उपस्थित बेन्दोरा संकुल के सी आर पी संतोष मिश्रा ने कहा कि आज विदाई नहीं बल्कि उनका सम्मान है। आगे उन्होंने कहा कि सरल स्वभाव और शालीनता के साथ साथ मुस्कान और अनुशासन उनकी एक अलग छाप है जिसके कारण उनका सम्मान शिक्षकों के साथ साथ अधिकारी भी करते रहे हैं। उन्होंने उनकी कार्यशैली की बहुत प्रशंसा की। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, चैनपुर के संरक्षक श्री छटन साहू ने कहा कि श्री वर्मा जी ने न केवल शिक्षक की ही भूमिका अदा की बल्कि उन्होंने प्रखंड के सारे शिक्षक-शिक्षिकाओं का प्रतिनिधित्व भी किया। उन्होंने चैनपुर प्रखंड के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को एक सूत्र में बांधकर महती भूमिका निभाई है और उन्होंने संघ के माध्यम से प्रखंड स्तरीय बड़ी बड़ी समस्याओं का समाधान भी किया है। इस अवसर पर उनके पुत्र ईश्वर वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि श्री वर्मा चैनपुर प्रखंड में गणित और विज्ञान विषयों में अग्रणी रहे हैं। इनके निर्देशन में बहुत सारे बच्चे अपना भविष्य संवारने में सफल रहे हैं।

विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती कमला खलखो ने कहा कि इन्होंने अपने सकारात्मक कार्यकाल की अमिट छाप छोड़ी है। हमलोगों से सीनियर रहने के बाद भी उनका सानिध्य हमलोगों को मिलता रहा।आज ये जरूर सेवामुक्त हो रहे हैं लेकिन ये हमेशा शिक्षकों और छात्रों के दिलों पर राज करेंगे। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सभी का दिल जीत लिया। उपस्थित सभी लोगों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था थी।

मौके पर अन्य शिक्षिकाएं ग्रेस कुजूर, कुसुम लकड़ा, रेजिना बरवा, किरण कुजूर के साथ साथ विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष दिलीप, मेघनाथ लोहरा, अल्पना देवी,पुष्पा बड़ा, बसंती देवी,दालो देवी, संयोजिका सुमित्रा देवी के साथ साथ सैकड़ों ग्रामीण एवं बच्चे उपस्थित थे।

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