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एसटी मांग को लेकर कुड़मि समाज का महाआंदोलन, 20 सितंबर को झारखंड, बंगाल और ओडिशा में होगा रेल रोको प्रदर्शन

रिपोर्ट: MANISH 32 दिन पहलेझारखण्ड

पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा, क्योंकि 2017 से कुड़मियों के कमेंट एंड जस्टिफिकेशन को रोककर रखा गया है।

एसटी मांग को लेकर कुड़मि समाज का महाआंदोलन, 20 सितंबर को झारखंड, बंगाल और ओडिशा में होगा रेल रोको प्रदर्शन

नीमडीह : कुड़मि समाज की एसटी (अनुसूचित जनजाति) दर्जे की मांग को लेकर मुरगुमा स्थित केनेकेचे पहाड़ में दो दिवसीय कुड़मालि नेगाचारि धरम माहाजड़ुआही महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में झारखंड, बंगाल, ओडिशा और असम से हजारों की संख्या में कुड़मि समाज के लोग जुटे। सम्मेलन के दौरान समाज के धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई तथा आने वाले एक वर्ष के आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। महासभा में मुलखुंटि मूल मानता अजीत प्रसाद महतो ने कुड़मि समाज की आठ प्रमुख मांगों को लेकर वर्षभर चलने वाले आंदोलन की घोषणा की। समाज के लोग मातृभाषा के स्थान पर कुड़मालि, जाति के स्थान पर कुड़मि और धर्म के स्थान पर "आदिवासी धर्म" या "एनिमिज्म धर्म" दर्ज कराएंगे। यदि जाति आधारित जनगणना नहीं कराई जाती, तो इसका विरोध किया जाएगा। जन्म, विवाह, श्राद्ध और अन्य धार्मिक कर्मकांडों में ब्राह्मणों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। सभी संस्कार और पूजा-कर्म आदिवासी कुड़मालि नेग-नेगाचारी विधि से संपन्न होंगे। समाज के युवाओं को दहेज न लेने का संकल्प लेना होगा। जो भी कुड़मि विधायक और सांसद समाज की मांगों को विधानसभा और संसद में नहीं उठाएंगे, उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा, क्योंकि 2017 से कुड़मियों के कमेंट एंड जस्टिफिकेशन को रोककर रखा गया है। एसटी दर्जा, धर्मकोड और कुड़मालि भाषा की मान्यता की मांग को लेकर आंदोलन होगा। झारखंड, बंगाल और ओडिशा में 100 स्थानों पर रेल टेका (रेल रोको) आंदोलन किया जाएगा। इस महासम्मेलन में कुड़मि समाज के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। इनमें मुलखुंटि मूल मानता अजीत प्रसाद महतो, केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुजीत कुमार महतो, छोटेलाल महतो, अधिवक्ता बसंत महंता, केंद्रीय प्रवक्ता सशधर काड़ुआर, केंद्रीय सचिव अधिवक्ता सुनील कुमार महतो, केंद्रीय सहसचिव जयराम महतो और संजय महतो, केंद्रीय कोषाध्यक्ष रासबिहारी महतो, केंद्रीय संपादक साधन महतो, कुड़मालि धर्म गुरु संतोष काटिआर, कुड़मालि इतिहासविद दीपक पुनअरिआर, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पद्मलोचन महतो, प्रदेश संगठन सचिव संजीव महतो और पीआरएस गुणधाम मुतरुआर शामिल थे। महासम्मेलन के निर्णयों से स्पष्ट है कि कुड़मि समाज अपनी पहचान और अधिकारों के लिए उग्र आंदोलन की राह पर है। आगामी रेल रोको आंदोलन और बंगाल सरकार के खिलाफ कदम इस आंदोलन की गंभीरता को दर्शाते हैं।

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