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एमपी-एमएलए मामलों पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, त्वरित ट्रायल के निर्देश

रिपोर्ट: VBN News Desk9 घंटे पहलेझारखण्ड

जनप्रतिनिधियों के लंबित आपराधिक मामलों पर अदालत की कड़ी टिप्पणी, CBI से प्राथमिकता में कार्रवाई को कहा

एमपी-एमएलए मामलों पर झारखंड हाईकोर्ट सख्त, त्वरित ट्रायल के निर्देश

रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य के सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निष्पादन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को न्यायमूर्ति जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों में अनावश्यक देरी न्याय प्रक्रिया के लिए घातक है। सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मौखिक निर्देश देते हुए कहा कि सांसदों और विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द निपटाया जाए। अदालत ने टिप्पणी की कि ट्रायल में विलंब का सीधा असर गवाहों पर पड़ता है जिससे साक्ष्यों के कमजोर होने और निष्पक्ष न्याय में बाधा उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। हाईकोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का समयबद्ध निपटारा जनता के विश्वास और व्यवस्था की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए अनिवार्य है। अदालत ने जांच एजेंसियों और अभियोजन पक्ष को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का संकेत दिया। राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्तमान में राज्य में सांसदों और विधायकों से जुड़े दो प्रमुख आपराधिक मामले लंबित हैं जिनकी निगरानी की जा रही है। वहीं, सीबीआई ने प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 11 फरवरी निर्धारित की। अदालत ने उम्मीद जताई कि तब तक जांच एजेंसी ठोस प्रगति के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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