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अवैध अफीम खेती की रोकथाम को लेकर खरसावां में बैठक, ग्रामीणों ने अफीम की खेती न करने की ली शपथ

रिपोर्ट: MANISH 7 घंटे पहलेझारखण्ड

अधिकारियों ने क्षेत्रीय भाषाओं मुंडारी, हो, संथाली और उड़िया में ग्रामीणों को अफीम की अवैध खेती के दुष्प्रभाव और कानूनी परिणामों की जानकारी दी।

अवैध अफीम खेती की रोकथाम को लेकर खरसावां में बैठक, ग्रामीणों ने अफीम की खेती न करने की ली शपथ

सरायकेला-खरसावां : जिले में अवैध अफीम की खेती को रोकने और इसके दुष्प्रभावों को लेकर खरसावां थाना परिसर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में खरसावां अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सदानंद महतो और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) समीर कुमार सवैया की अध्यक्षता में करीब 120 लोग शामिल हुए। बैठक में प्रधान मांझी, प्रखंड विकास पदाधिकारी कैप्टन सिंकु, अंचल अधिकारी खरसावां, थाना प्रभारी गौरव कुमार, आमदा ओपी प्रभारी रमन विश्वकर्मा, एसएसबी 26 बटालियन रायजामा के पदाधिकारी समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने क्षेत्रीय भाषाओं मुंडारी, हो, संथाली और उड़िया में ग्रामीणों को अफीम की अवैध खेती के दुष्प्रभाव और कानूनी परिणामों की जानकारी दी। बैठक में हरिभंजा, बिटापुर और रिडिग पंचायतों के मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य और 30 गांवों के ग्राम प्रधान शामिल हुए। उन्होंने अपने गांवों और आसपास के क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती को स्वयं नष्ट करने का संकल्प लिया और भविष्य में ऐसी खेती नहीं करने की शपथ ली। सरायकेला-खरसावां पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अवैध अफीम की खेती और बिक्री के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति इस अवैध कार्य में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन और पुलिस गांव-गांव जाकर लोगों को अवैध अफीम खेती के खतरे के बारे में जागरूक कर रही है। यह बैठक इसी कड़ी में आयोजित की गई, जिससे स्थानीय लोग खुद ही इस समस्या के समाधान का हिस्सा बनें। सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन और पुलिस की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि अवैध अफीम की खेती पर रोक लगाई जा सकेगी और ग्रामीण समाज को इससे होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा।

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