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पत्नी के नाम मनरेगा का जॉब कार्ड बना लाखों घटक गया रोजगार सेवक, अकूत संपत्ति खड़ी करने की चर्चा

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार4 दिन पहलेझारखण्ड

मनरेगा एक्ट के गाइडलाइन में स्पष्ट है कि कोई भी वेतनभोगी या मानदेय भोगी, कर्मचारी या उसका परिवार लेबर कार्ड के लाभ का पात्र नहीं होगा।

पत्नी के नाम  मनरेगा का जॉब कार्ड बना  लाखों घटक गया रोजगार सेवक, अकूत संपत्ति खड़ी करने की चर्चा

पाकुड़। मनरेगा योजना से जुड़े सदर ब्लाक के एक रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी के नाम ही जॉब कार्ड बनाकर लाखों की फर्जी डिमांड के सहारे बड़ी राशि की निकासी करने का मामला सामने आया है। हालांकि रोजगार सेवक के इस कारनामे की बात सामने आने पर उसे आनन फानन में उक्त पंचायत से हटा दिया गया है।

रोजगार सेवक मैमूर अली पाकुर ब्लॉक के नवरतमपुर पंचायत में वर्षों से कार्यरत है और इसी पंचायत के वन विक्रमपुर गांव के रहने वाले भी बताए जाते हैं। पत्नी के नाम जॉब कार्ड बनाकर सरकारी राशि की बंदरबांट करने का मामला जब उजागर हुआ तो उसे उस पंचायत से 3 मई को बीडीओ द्वारा जारी का आदेश ज्ञापांक 154 में आवंटित नवरुतमपुर पंचायत से उन्हें अलग कर दिया गया है। हालांकि इस मामले को डीडीसी महेश कुमार संथालिया के संज्ञान में दिए जाने पर उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की बात कही है।

रोजगार सेवक पर आरोप है कि अनुबंध कर्मचारी होते हुए इन्होंने अपनी पत्नी सबनम आरा के नाम से अवैध रूप से जॉब कार्ड (JH-14-001-022-001/99) बना कर पंचायत में फर्जी डिमांड डालकर वर्षों से सरकार की योजनाओं के नाम पर पैसे की निकासी करते आ रहे हैं। चर्चा है कि रोजगार सेवक का यह पहला मामला नहीं है, नवरोत्तमपुर, रहसपुर, दादपुर और लिट्टीपाड़ा प्रखंड के पंचायतों में भी इसी तरह के गड़बड़ी करने का इनपर आरोप हैं जो जांच का विषय है।

मनरेगा एक्ट के गाइडलाइन में स्पष्ट है कि कोई भी वेतनभोगी या मानदेय भोगी, कर्मचारी या उसका परिवार लेबर कार्ड के लाभ का पात्र नहीं होगा। लेबर कार्ड केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए होता है। लेकिन मैमूर अली ने इस नियम को दरकिनार करते हुए जॉब कार्ड का दुरुपयोग किया और अपनी पत्नी के नाम से लाभुक दिखाकर डिमांड कर सरकार के लाखों रुपए घटक गए।

वसूली करने का ग्रामीणों का लगा आरोप

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि मैमूर अली सरकारी योजनाओं में डिमांड डालने के एवज में लाभुकों से पैसे की मांग करते हैं। "अबुआ आवास योजना" सहित कई अन्य योजनाओं में इनकी संलिप्तता की बात भी सामने आई है। ग्रामीणों का कहना है कि वह खुलेआम धमकी देता है कि “नीचे से ऊपर तक सब हमारे जेब में है।” हालांकि इन आरोपों पर जब रोजगार सेवक मैमूर अली का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं की।

अकूत संपति खड़ी की रोजगार सेवक ने

रोजगार सेवक मेमूर ने पत्नी के नाम जॉब कार्ड के सहारे फर्जीवारा कर लाखों रुपए निकासी कर पाकुड़ के अलावा गांव में भी अकूत संपत्ति खड़ी की है। चर्चा है की बड़ी अलीगंज के अलावे वन विक्रमपुर अपने गांव में भी इनके द्वारा आलीशान मकान के अलावा कई चल और अचल संपत्ति बनाई गई है। रोजगार सेवक काशीला चेक पोस्ट में भी लंबे समय तक इनकी तैनाती रही है। इस दौरान भी इनके द्वारा गड़बड़ी करने की शिकायत लगातार सुर्खियों में आती रही है। चेक पोस्ट में भी काफी गड़बड़ी करने की बात और उस दौरान राशि की वसूली की चर्चा होती रही है। जो अब शासन प्रशासन के लिए जांच का विषय है।

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