एनआईटी जमशेदपुर में उद्योग-अकादमिक सहयोग का राष्ट्रीय मंच, 12-13 दिसंबर को तकनीक, नवाचार और उद्यमिता पर देशभर के दिग्गज होंगे एकत्र
एमएसएमई से लेकर स्टार्टअप तक - उद्योग, शोध और शिक्षा को एक सूत्र में जोड़ने की दिशा में एनआईटी जमशेदपुर की ऐतिहासिक पहल

आदित्यपुर : भारत के उभरते नवाचार-परिदृश्य को नई दिशा देने के उद्देश्य से एनआईटी जमशेदपुर 12-13 दिसंबर को तीसरे इंडस्ट्री-अकेडमिक कॉन्क्लेव (आईएसी) 2025 की मेजबानी कर रहा है। यह आयोजन भारत के उन चुनिंदा तकनीकी सम्मेलनों में शामिल है जो उद्योग, शोध, शिक्षा और नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करते हैं ताकि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में तकनीकी आत्मनिर्भरता की गति और तेज हो सके। कॉन्क्लेव का उद्घाटन पद्मश्री अशोक भगत, निदेशक प्रो. गौतम सूत्रधार, और अधिष्ठाता (अनुसंधान एवं परामर्श) प्रो. सतीश कुमार द्वारा किया जाएगा। आयोजकों के अनुसार यह कार्यक्रम चार मुख्य स्तंभों पर आधारित है एमएसएमई सहयोग, उन्नत शोध व तकनीक, उद्योग-आधारित शिक्षा ढांचा, तथा स्टार्टअप-उद्यमिता प्रवर्धन। आईएसी 2025 की सलाहकार समिति में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी पटना, आईआईटी (आइएसएम) धनबाद, देशभर के कई एनआईटी तथा सीएसआईआर-सीआईएमएफआर, सीएमईआरआई, आईएमएमटी जैसी शीर्ष राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं के निदेशक शामिल हैं। साथ ही टाटा स्टील, आरएसबी ग्लोबल तथा कई उद्योग समूहों के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन इस आयोजन को और प्रभावशाली बनाता है। कार्यक्रम में इंडस्ट्री प्रायोजित पैनल चर्चाएँ प्रमुख आकर्षण होंगी जिनमें एमएसएमई अकादमिक एकीकरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कौशल विकास, नवाचार, जलवायु-अनुकूल तकनीकें, और विकसित भारत 2047 के लिए रणनीतियों पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय हैकाथॉन, स्कूल-कॉलेज मॉडल प्रतियोगिता तथा महिला नेतृत्व पर केंद्रित विशेष सत्र में बियॉन्ड द ग्लास सीलिंग, वीमेन रीडिफाइनिंग लीडरशिप भी कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। प्रतियोगिता में वेस्ट-टू-वेल्थ और झारखंड कला-संस्कृति मॉडल जैसे विषय शामिल हैं। आईएसी-2025 का उद्देश्य छात्रों को वास्तविक दुनिया की तकनीकी चुनौतियों से जोड़ना, उद्योगों को नई शोध क्षमताओं तक पहुँच प्रदान करना और भारत के नवाचार-इकोसिस्टम को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप तैयार करना है। इस आयोजन के माध्यम से एनआइटी जमशेदपुर ने स्वयं को एक ऐसे राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित किया है जो तकनीकी शोध, औद्योगिक साझेदारी और भविष्य के नेताओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।