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पूर्व में छिपाए गए नक्सली विस्फोटक की लगातार बरामदगी पर उठे सवाल, क्या खुफिया तंत्र विफल?

रिपोर्ट: MANISH 16 घंटे पहलेअपराध

कुचाई के नीमडीह पहाड़ी से मिला 12 केन बम, जिला पुलिस के साथ झारखंड जगुआर और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई

पूर्व में छिपाए गए नक्सली विस्फोटक की लगातार बरामदगी पर उठे सवाल, क्या खुफिया तंत्र विफल?

सरायकेला-खरसावां : जिले के कुचाई प्रखंड अंतर्गत दलभंगा ओपी क्षेत्र के नीमडीह गांव के पास स्थित पहाड़ी इलाकों से पुलिस को एक बार फिर बड़ी नक्सली सामग्री बरामद करने में सफलता मिली है। झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर और एसएसबी-26 बटालियन के संयुक्त सर्च अभियान में मंगलवार को कुल 12 पीस 1.5 किलोग्राम वजनी केन आईईडी बम बरामद हुए। बरामद विस्फोटकों को बम निरोधक दस्ते की सहायता से मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक मुकेश लूणायत ने प्रेस को जानकारी दी कि यह गोला-बारूद कुछ वर्ष पूर्व नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को क्षति पहुँचाने एवं उनके अभियानों को विफल करने के उद्देश्य से छिपाकर रखा गया था। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई जिसके बाद दलभंगा ओपी क्षेत्र के जंगली और पहाड़ी इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी जून माह में खरसावां थाना क्षेत्र से नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक एवं तार की बरामदगी हो चुकी है। अब पुनः इतनी भारी मात्रा में केन बम मिलने से यह सवाल उठने लगे हैं कि नक्सली गोला-बारूद वर्षों बाद भी कैसे लगातार बरामद हो रहे हैं। हालांकि भारत सरकार द्वारा सरायकेला-खरसावां जिले को तीन वर्ष पूर्व ही नक्सलमुक्त जिला घोषित करने की अनुसंशा की जा चुकी है और जिले में लंबे समय से किसी बड़ी नक्सली गतिविधि की सूचना नहीं थी। इस बीच इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का मिलना खुफिया एजेंसियों की सक्रियता पर भी सवाल खड़े करता है। सवाल यह भी उठ रहा है कि नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद जो सूचनाएं मिलनी चाहिए थीं क्या वे जानबूझकर छिपाई गईं? पूर्व में गिरफ्तार किए गए कुख्यात नक्सली महाराजा प्रमाणिक द्वारा सुरक्षा एजेंसियों को दी गई जानकारी अधूरी थी या फिर कुछ जानकारियां छिपाई गईं? उल्लेखनीय है कि इसी आधार पर कोर्ट ने उसे ओपन जेल में रखा था। अब जब पूर्व नक्सली की गिरफ्तारी के वर्षों बाद इस प्रकार की सामग्री मिल रही है तो यह स्पष्ट करता है कि नक्सली नेटवर्क पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। जिला प्रशासन ने विधि-सम्मत कार्रवाई शुरू कर दी है और संबंधित सुरक्षा एजेंसियां सर्च ऑपरेशन को आगे बढ़ा रही हैं। स्थानीय नागरिकों और विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाओं को हल्के में लेने की बजाय व्यापक स्तर पर जांच और रणनीति की आवश्यकता है।

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