भगवान जगन्नाथ और राधा रानी की पूजा अर्चना कर धूमधाम से निकाली गई रथ यात्रा
रथ यात्रा के मौके पर पाकुड़ में एक सप्ताह का मेला का आयोजन होता है।

पाकुड़ । पाकुड़ में शुक्रवार को धूमधाम से रथ यात्रा निकाली गई। पाकुड़ राजबाड़ी के मदन मोहन मंदिर से भगवान जगन्नाथ तथा राधा रानी की मूर्ति को राजबाड़ी के साही परिवारों ने बाजा गाजा के साथ पूजा अर्चना करते हुए रथ के ऊपर मौसी के घर जाने के लिए रथ पर प्रतिस्थापित किया। पंडितों ने वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भगवान को रथ में प्रतिष्ठित करते हुए पूजा अर्चना की।
राजबाड़ी के वंशज अमित पांडे ने बताया कि 1929 साल को रानी ज्योतिर्मयि ने रथ यात्रा का शुरूआत की थी। 22फीट की पीतल की रथ रानी ज्योतिर्मयि ने उस वक्त बनाई थी। उसी परंपरा के साथ आज भी रथ यात्रा मनाई जाती है। वहीं राजवाड़ी के पुरोहित ने बताया कि बांग्ला के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में रथ यात्रा मनाया जाता है। रथयात्रा बंगाल,बिहार से श्रद्धालु मेला देखने आते हैं। यहां सभी श्रद्धालुओं का मनोकामना पूर्ण होती है की बात कही। रथ यात्रा नित्य काली मंदिर के समीप से निकलकर भगत पाड़ा शिव मंदिर से पुनः वापस राजबाड़ी पहुंची।
रथ यात्रा के मौके पर पाकुड़ में एक सप्ताह का मेला का आयोजन होता है। इस मौके पर स्वयं जिले की एसपी निधि द्विवेदी भगवान जगन्नाथ और राधा रानी का दर्शन कर पूजा अर्चना की. कहा कि यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार की एकजुटता और परिवार में एकरूपता को दर्शाता है। उन्होंने पाकुड़ के लोगों को इस मौके पर शुभकामनाएं और बधाई दी। रथ यात्रा और मेला को लेकर पुलिस प्रशासन को चौकस देखी गई।