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विश्व संगीत दिवस के अवसर पर विशेष

रिपोर्ट: Ashwini kumar Ghai675 दिन पहलेझारखण्ड

यदि संगीत व योग को नियमित रूप से किया जाए तो यह दवाईयों का दूसरा विकल्प हो सकता है। यह प्रतिदिन खाई जाने वाली भारी दवाईयों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है। क्योंकि यह शरीर और मन पर नियंत्रण करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है ।

विश्व संगीत दिवस के अवसर पर विशेष

संगीत और योग एक दूसरे के पूरक हैं : सूरज मिश्रा

मेदिनीनगर : संगीत और योग परमात्मा की प्राप्ति का प्रमुख साधन है। संगीत और योग एक दूसरे के पूरक हैं। इस दोनों महत्वपूर्ण कलाओं से हम अपने हृदय में परमात्मा के अंश को देख सकते हैं जो खुली आँखों से असंभव सा है। संगीत के सुरों में साक्षात ईश्वर का प्रतिबिंब निर्माण होता है । योग में ध्यान एक क्रिया होती है लेकिन संगीत बिना किसी योगिक एक्सरसाइज के योग के सबसे करीब है । संगीत में स्वरों की शुद्धता पर जोर दिया जाता है पर योग शास्त्र में आसन व मुद्राओं पर जोर दिया जाता है। संगीत और योग एक दूसरे के पूरक होते हैं। आज कल लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिए फिर से संगीत व योग का अभ्यास करने की आवश्यकता है। दैनिक जीवन में संगीत का अभ्यास शरीर को आन्तरिक और बाहरी ताकत प्रदान करता है। यह शरीर के प्रतिरोधी प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है, इस प्रकार यह विभिन्न और अलग-अलग बीमारियों से बचाव करता है। यदि संगीत व योग को नियमित रूप से किया जाए तो यह दवाईयों का दूसरा विकल्प हो सकता है। यह प्रतिदिन खाई जाने वाली भारी दवाईयों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है। क्योंकि यह शरीर और मन पर नियंत्रण करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है । संगीत और योग साधना से ही जीवन में होता है शक्ति का विकास, दोनों का उद्देश्य है आत्मसाक्षात्कार। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस व अंतरराष्ट्रीय संगीत दिवस पर विशेष बातें कही पलामू प्रमंडल के विख्यात शास्त्रीय संगीतज्ञ स्व. पंडित राजा राम मिश्र के पुत्र एवं देवरानी संगीत महाविद्यालय के संरक्षक शहर के जाने माने संगीत गुरु सूरज कुमार मिश्रा ने। उन्होंने कहा- जब भी हम बेहद खुश होते हैं तो दिल से निकलता है संगीत । जब कभी हम उदास होते हैं तो खुश कर देता है संगीत। जी हां, संगीत से हर किसी का रिश्ता ही कुछ ऐसा है जब चाहे जैसा चाहे मिजाज को बदल देता है संगीत खुद को खुश, ऊर्जावान व तनाव मुक्त करता है। संगीत के सात स्वर कई बीमारियों को छूमंतर कर देता है यह सिद्ध हो चुका है। उन्होंने कहा कि शास्त्रीय संगीत में कई ऐसे रागों की खोज की गई है जिससे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों का इलाज संभव है। म्यूजिक थेरेपी से असाध्य रोगों को भी दूर किया जा सकता है।

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