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झारखंड में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय से बबीता बनी पहली डिप्टी कलेक्टर, दुमका डीसी ने किया सम्मानित

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार14 घंटे पहलेझारखण्ड

बबीता की इस सफलता से पाकुड़, दुमका जिले में खुशी की लहर है, खासकर युवाओं में इसका विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

झारखंड में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय से बबीता बनी पहली डिप्टी कलेक्टर, दुमका डीसी ने किया सम्मानित

दुमका/ पाकुड़। झारखंड में आदिम जनजाति पीटीजी समुदाय से बबीता कुमारी पहली डिप्टी कलेक्टर बनी है। बबीता ने जेपीएससी 2023 में 337 वा रैंक अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत यह कामयाबी हासिल की है। मूलतः दुमका जिले के मसलिया ब्लॉक के आम गाछी पंचायत के मणिपुर गांव की रहने वाली बबीता सिंह का आज भी मिट्टी का मकान पहाड़ पर है। वर्तमान में बबीता अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ दुमका ब्लॉक के आसनसोल गांव एयरपोर्ट के समीप फिल् वक्त रहती है। 43.jpg बबीता के पिता बिंदु लाल सिंह एक प्राइवेट स्कूल में चार हजार में पढ़ाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर बबीता को अफसर बिटिया बनाने का गौरव हासिल किया है। बबीता चार भाई बहन है, बबीता सबसे बड़ी है। बिटिया बबीता की सफलता पर घर में खुशी लोगों ने मिठाई तो नहीं लेकिन घर में रखी हुई चीनी की मिठास से खुशी मनाया। बबीता की कामयाबी पर आज पूरा आदिम जनजाति पहाड़िया समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

बबीता की कामयाबी और सफलता पर संथाल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त के स्टोन पद पर कार्यरत रहे भादू देहरी ने बबीता की सफलता पर उसे धन्यवाद और बधाई देते हुए कहा कि झारखंड में पहली बबीता है जो पीटीजी समाज से डिप्टी कलेक्टर बनने का गौरव हासिल किया है। बबीता कि कामयाबी पर पूरा पहाड़िया समाज गौरवान्वित है। शनिवार को दुमका डीसी अभिजीत सिन्हा ने बबीता को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उनकी इस उपलब्धि पर उपायुक्त श्री सिन्हा ने हर्ष जताते हुए कहा कि बबीता की सफलता दुमका ही नहीं, पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। विशेष रूप से यह आदिवासी एवं वंचित समुदाय के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उपायुक्त ने कहा कि बबीता ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। उन्होंने बबीता के पिता को भी इस गौरवशाली उपलब्धि के लिए सम्मानित करते हुए शॉल ओढ़ाया।

वही बबीता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और कठिन परिश्रम को दिया। उन्होंने कहा कि वे प्रशासनिक सेवा के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी सेवा पहुँचाना चाहती हैं।

बबीता की इस सफलता से पाकुड़, दुमका जिले में खुशी की लहर है, खासकर युवाओं में इसका विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

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