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सरायकेला की छात्रा सुप्रिया पति बनी एक दिन की प्रधानाध्यापिका, निभाया नेतृत्व का जिम्मा

रिपोर्ट: VBN News Desk5 घंटे पहलेझारखण्ड

सुप्रिया ने बताया कि मेरा सपना है कि मैं एक दिन शिक्षिका बनूं।

सरायकेला की छात्रा सुप्रिया पति बनी एक दिन की प्रधानाध्यापिका, निभाया नेतृत्व का जिम्मा

सरायकेला (जगदीश साव) : प्रखंड अंतर्गत बालक मध्य विद्यालय, सरायकेला में 8 मई 2025 को एक अलग ही तस्वीर नजर आई, जब कक्षा 7 की छात्रा सुप्रिया पति को विद्यालय का एक दिन का प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कंचन सिन्हा द्वारा यह जिम्मेदारी सुप्रिया को सौंपी गई, ताकि उसमें नेतृत्व क्षमता का विकास हो सके। प्रभारी बनने के बाद सुप्रिया पति ने बताया कि उसे 7 मई को यह सूचना दी गई थी कि 8 मई को वह एक दिन के लिए विद्यालय की संचालन प्रभारी बनेगी। उसने सुबह 6:05 बजे विद्यालय पहुँचकर साफ-सफाई करवाई, 7:15 बजे प्रार्थना सभा आयोजित की, फिर सभी कक्षाओं में उपस्थिति सुनिश्चित की और एसएमएस कार्य संपन्न किया। उसने शिक्षकों के साथ बैठक कर शैक्षणिक दिशा तय की, एमडीएम की गुणवत्ता जांची और छात्रों को कतारबद्ध भोजन करने हेतु निर्देशित किया। सभी कक्षाओं में पढ़ाई की निगरानी भी की। सुप्रिया ने बताया कि मेरा सपना है कि मैं एक दिन शिक्षिका बनूं। आज मुझे विद्यालय का संचालन करने का मौका मिला जो मेरे लिए गर्व का क्षण रहा। इससे मुझे यह अनुभव हुआ कि संस्था का मुखिया होना कितनी बड़ी जिम्मेदारी है। यह पहल झारखंड शिक्षा परियोजना, सरायकेला-खरसावां के निर्देश पर की गई जिसके तहत जिले के सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक माह अपने सबसे सक्रिय छात्रों में से किसी एक को एक दिन के लिए विद्यालय संचालन की जिम्मेदारी सौंपें। इससे न केवल छात्र/छात्राओं में नेतृत्व कौशल विकसित होगा बल्कि अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी। यह कार्यक्रम जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा 18 अप्रैल 2025 को जारी पत्रांक SS.ALBAB57458 के आलोक में संचालित किया गया है। इस प्रेरणादायक पहल ने साबित किया कि बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता भरपूर होती है बस जरूरत होती है उन्हें मंच देने की।

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