रन फॉर गजराज या रन फॉर प्लास्टिक? वन विभाग की लापरवाही ने बिगाड़ी पर्यावरण संरक्षण की छवि
दलमा मैराथन के बाद मैदान में प्लास्टिक का अंबार, जागरूकता के नाम पर पर्यावरण प्रदूषण का तमाशा!

नीमडीह : दलमा वन्यजीव अभयारण्य के संरक्षण को लेकर 5 सितंबर को आयोजित रन फॉर गजराज दलमा मैराथन का उद्देश्य था हाथियों की रक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर जागरूकता फैलाना। लेकिन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जो तस्वीर सामने आई उसने पूरे अभियान की मंशा पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिस मैदान से इस दौड़ की शुरुआत और समापन हुआ वही अब प्लास्टिक कचरे, बोतलों, गिलासों और पॉलिथिन से पटा पड़ा है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के नाम पर केवल दिखावा किया। इतना अधिक प्लास्टिक कचरा दलमा वनक्षेत्र की नदियों और नालों में बह गया जिससे जलजीवों और वन्य प्राणियों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। दलमा के आसपास रहने वाले आदिवासी समुदायों ने कहा कि जिन नदियों के पानी से वे खेती और घरेलू कार्य करते हैं अब वही पानी प्रदूषित हो चुका है। आश्चर्य की बात यह है कि कार्यक्रम के बैनर और पोस्टर भी प्लास्टिक से बने थे। सवाल यह है कि जब कपड़े या पेपर के विकल्प मौजूद थे तो पर्यावरण के नाम पर प्लास्टिक का उपयोग क्यों किया गया? ग्रामीणों ने वन विभाग पर दिखावटी जागरूकता और गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर संरक्षण का मतलब प्रदूषण फैलाना है तो यह जागरूकता नहीं एक विडंबना है।