सोना जोड़ी में मिला फॉसिल्स का खजाना, डीएफओ पहुंचे स्थल जांच करने
भारत सरकार ने राजमहल खोसिल्स आधारित पेड़ पौधों का डाक टिकट भी जारी किया है।

पाकुड। सोना जोड़ी के मटिया पहाड़ पर जीवाश्म का खजाना पाए जाने पर डॉ रंजीत कुमार सिंह विज्ञान विभाग अध्यक्ष सह प्राचार्य मॉडल कॉलेज राजमहल भू विज्ञान सब पर्यावरण विद् का कहना है कि यह एक अनमोल अंतरराष्ट्रीय धरोहर को बचाने के पहला और प्रयास किया जा रहा है ।आज से 5 करोड़ वर्ष पूर्व कार्बोनिफर्म और पर पर्मियन कल के ऑस्ट्रेलिया यूरोप अटलांटिक ए एशिया का एशिया को मिलाकर सुपर महाद्वीप हुआ करता था। तराई प्राथमिक में पर्यावरण और वातावरण में बदलाव आने लगे और ज्वालामुखी फटा तभी सभी महाद्वीप अलग हो गए। ज्वालामुखी फटने से उनके पेड़ पौधे और जीव को ढक दिया गया पृथ्वी ने इन पेड़ पौधों जीव के अवशेष सुरक्षित अर्बन वर्ष तक ढका रखा। राजमहल पहाड़ियों की श्रृंखला न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व इसकी अपनी एक अलग महत्व है क्योंकि ऊपरी गोंडवाना के जीव जंतु और पेड़ पौधे के अवशेष पाए जाते हैं या 26 00 वर्ग किलोमीटर तक फैला है और 65 किलोमीटर इलाके में पाए जाते हैं। भारत सरकार ने राजमहल खोसिल्स आधारित पेड़ पौधों का डाक टिकट भी जारी किया है। इसे ही पृथ्वी उत्पत्ति प्रकृति और मानव जीवन का रहस्य पर से पर्दा हट सकता है। उन्होंने मुख्य रूप से सौरभ चंद्र वन प्रमंडल पदाधिकारी पाकुड़ तथा रामचंद्र पासवान वन क्षेत्र पदाधिकारी पाकुड़ के प्रति आभार व्यक्त किया है उन्होंने उन्होंने कहा इन लोगों के अथक प्रयास से आज यह प्रयास सफल सर्वेक्षण हो पाया है।