सेरंदाग में आम्रपाली प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध, फर्जी एनओसी लेने का आरोप, सीबीआई और ईडी जांच की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि अवैध वसूली और भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी सीबीआई (CBI) द्वारा दो बार कार्रवाई की गई थी, जिसमें दो अधिकारियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद प्रबंधन की अवैध गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं।

टंडवा (कामेश्वर गुप्ता) : सेरंदाग गांव में आम्रपाली प्रबंधन द्वारा 14वीं बार एनओसी (No Objection Certificate) लेने के लिए पत्र जारी करने के बाद ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। ग्रामीणों ने प्रबंधन पर रैयतों को गुमराह करने, वन भूमि पर अवैध कब्जे की साजिश रचने और अवैध वसूली के जरिए फर्जी एनओसी लेने के प्रयास का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार विरोध के बावजूद आम्रपाली प्रबंधन जबरन एनओसी हासिल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन प्रति टन वसूली के रूप में अवैध पैसे के दम पर ग्रामीणों की सहमति के बिना परियोजना को आगे बढ़ाने की साजिश रच रहा है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अवैध वसूली और भ्रष्टाचार को लेकर पहले भी सीबीआई (CBI) द्वारा दो बार कार्रवाई की गई थी, जिसमें दो अधिकारियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद प्रबंधन की अवैध गतिविधियां बंद नहीं हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार एनओसी के लिए पत्र जारी कर प्रबंधन जबरदस्ती इलाके को नरक बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर एनओसी लेने की यह साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीणों ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से मामले की जांच करने की मांग की है। उनका दावा है कि आम्रपाली प्रबंधन द्वारा अवैध वसूली के पैसों को विदेशों में छिपाने का बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उचित जांच हुई, तो कई अधिकारी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जाएंगे। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि वे आम्रपाली प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे और किसी भी सूरत में एनओसी नहीं देंगे। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो विरोध और उग्र हो सकता है।