बिरसा मुंडा जयंती पर सरायकेला में भव्य कवि सम्मेलन, मनोज चौधरी ने साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने का दिया संदेश
कुचाई बीडीओ साधु चरण देवगम की कविता ने जीता दर्शकों का दिल, कवि सम्मेलन में उमड़ी सांस्कृतिक ऊर्जा

सरायकेला : धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर साहित्य स्नेह एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में मारवाड़ी धर्मशाला में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मनोज कुमार चौधरी, अध्यक्ष शैलेन्द्र पांडे शैल, नारायण कुमार और अनामिका मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि मनोज चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि कवि सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। कविता समाज को जोड़ती है और हमारी विरासत को जीवित रखती है। हमें अपनी साहित्यिक पहचान को मजबूती से थामे रखना चाहिए। लखनऊ, दिल्ली और जमशेदपुर से आए प्रतिष्ठित कवियों ने वीर, श्रृंगार और भक्ति रस से भरी रचनाएँ प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों से सभागार गूंज उठा। विशेष रूप से कुचाई बीडीओ साधु चरण देवगम ने मंच संभालते ही अपनी प्रभावशाली कविताओं से श्रोताओं को रोमांचित कर दिया। देर शाम तक चले इस आयोजन में कला, संस्कृति और साहित्य का अद्भुत संगम देखने को मिला।