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सरायकेला-खरसावां में फिर बरामद हुआ विस्फोटकों का जखीरा, नक्सली गतिविधियों पर गहराया शक

रिपोर्ट: MANISH 16 दिन पहलेअपराध

सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का संयुक्त सर्च ऑपरेशन, 44.5 किलो केन आईईडी मौके पर नष्ट

सरायकेला-खरसावां में फिर बरामद हुआ विस्फोटकों का जखीरा, नक्सली गतिविधियों पर गहराया शक

सरायकेला-खरसावां : जिले में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटकों की बरामदगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में 6 अगस्त को पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एक बार फिर बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। सूचना के अनुसार प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के उग्रवादियों ने कुचाई थाना के दलभंगा ओपी क्षेत्र अंतर्गत सरायकेला और चाईबासा जिले की सीमा पर स्थित जंगली-पहाड़ी इलाके में सुरक्षा बलों के विरुद्ध हमले के उद्देश्य से भारी मात्रा में आईईडी छिपा रखे थे। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सरायकेला-खरसावां पुलिस, चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और एसएसबी की संयुक्त टीम द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान प्लास्टिक कंटेनरों में छिपाकर रखे गए केन आईईडी की तीन श्रेणियां बरामद हुईं 1.5 किलो वजन के 15 केन (कुल 22.5 किलो), 1 किलो के 15 केन (कुल 15 किलो) और 500 ग्राम के 14 केन (कुल 7 किलो)। इस प्रकार कुल 44.5 किलो विस्फोटक बरामद किए गए। सुरक्षा की दृष्टि से सभी विस्फोटकों को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से नष्ट कर दिया गया। इससे पहले 2 अगस्त को ग्राम सिकरम्बा के पहाड़ी इलाके से 125 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था जबकि 31 जुलाई को मासीबेरा से 60 किलो अमोनियम नाइट्रेट और वैसलीन जैली, 28 जून को गोबरगोटा पहाड़ी से केन बम और डेटोनेटर तथा 22-23 जुलाई को क्रमशः नीमडीह और लोटबुरू से भारी संख्या में बम बरामद किए गए थे। लगातार हो रही इस तरह की बरामदगियों से यह साफ संकेत मिलता है कि नक्सली अब भी सरायकेला-खरसावां और आसपास के सीमावर्ती इलाकों को सुरक्षित भंडारण क्षेत्र के रूप में उपयोग कर रहे हैं। इससे प्रशासन और सुरक्षा बलों की चुनौतियां बढ़ गई हैं। जानकारों का कहना है कि ये घटनाएं नक्सल नेटवर्क की गहराई और सक्रियता को दर्शाती हैं। पुलिस द्वारा मामले में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है साथ ही ऐसे छिपे हुए ठिकानों को चिन्हित कर अभियान को और तेज करने की रणनीति बनाई जा रही है।

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