आम के पेड़ से जुड़ी इंसान तक की दो परिंदे की अनोखी कहानी
इंसानियत फर्ज निभाते हुए परिंदे की परवरिश में जुटा इंसान ।

रिपोर्ट राजीव कुमार
सतबरवा पलामू: पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड पंचायत रबदा ग्राम राँकी खुर्द निवासी देश के चौथे स्तंभ सतबरवा प्रखंड के जाने-माने पत्रकार बनारसी पासवान व आम के पेड़ से जुड़ी दो परिंदे की अनोखी कहानी बनारसी पासवान के आंगन में आम के पेड़ पर एक छोटी सी चिड़िया ने कुछ दिन पहले अपना घोंसला बनाया था। जिसमें उसने दो अंडे दिए और फिर बच्चे हुए लेकिन एक अनजान गलती के कारण माँ चिड़िया अपने बच्चों को छोड़कर चली गई। जहां पर बनारसी पासवान ने अपनी इंसानियत फर्ज को निभाते हुए उन्होंने नन्हे पक्षियों की देखभाल के लिए निर्णय लिया जो अब तक उन अनाथ पक्षियों की परवरिश में जुटे है।

दोनों पक्षियों को भोजन तीनों टाइम सुबह, दोपहर, शाम, उपलब्ध कराते है अब इन नन्हे पक्षियों का आशियाना उनका घर आंगन व आम का पौधा बना हुआ है। यहां तक की नन्हे पक्षियों के माता - पिता अचानक अब आना शुरू कीए है आम के डालियों पर पक्षियों के माता-पिता बैठी रहती है आवाज देती है अपने बच्चों को और बच्चों अपनी ही भाषा मे मां पिता से आपस में बातें करते है उन लोग शायद अपने भाषाओं में अपने माता-पिता को बताते होंगे कि मैं ठीक हूं।

की उसी दौरान मां चिड़िया पिता अचानक गायब हो जाते हैं। जहां पर बनारसी पासवान निर्णय लिए की इन दोनों पक्षियों की मदद उस दिन तक करना है जब तक इन दोनों पक्षियों अपने पंख से उड़ नहीं सकते चिड़िया को अपने बच्चे को छोड़कर चले जाना चिंताजनक बात है। लेकिन इंसानों का इस तरह उनकी देखभाल करना वाकई प्रेरणादायक है। इन बच्चों को प्राकृतिक भोजन और सुरक्षित माहौल देना जरूरी है ताकि वे स्वस्थ होकर उड़ सकें। इन नन्हे पक्षियों की मासूमियत और आपकी देखभाल की भावना साफ झलकती है। यह कहानी न केवल प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि इन छोटे-छोटे इंसानियत प्रयास से कितना बड़ा बदलाव देश में हो सकता हैं। WhatsApp Video 2025-06-08 at 7.06.48 AM.mp4