आरआईटी थाना क्षेत्र के स्टेशनरी दुकान से बरामद हुई ई-सिगरेट की बड़ी खेप, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
प्रतिबंधित नशे का कारोबार, बंता नगर से जमशेदपुर तक ई-सिगरेट सप्लाई, युवाओं पर मंडरा रहा खतरा

आदित्यपुर : आरआईटी थाना क्षेत्र के बंतानगर में शनिवार को पुलिस ने एक स्टेशनरी दुकान में औचक छापेमारी कर देशभर में प्रतिबंधित ई-सिगरेट सहित कई नशीले उत्पाद बरामद किए हैं। छापेमारी मुकेश प्रजापति उर्फ राजा की दुकान पर की गई, जहां से पुलिस को बड़ी खेप हाथ लगी। हालांकि हैरानी की बात यह है कि अब तक पुलिस ने इस मामले में न तो कोई एफआईआर दर्ज की है और न ही आरोपी के खिलाफ ठोस कार्रवाई की गई है। ई-सिगरेट को 2019 से भारत में प्रतिबंधित किया गया है। केंद्र सरकार ने इसे ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट - 1940 के तहत ड्रग्स घोषित किया है। इस कानून के अनुसार ई-सिगरेट, वेप, ई-शीशा, हीट-नॉट बर्न डिवाइस और निकोटिन युक्त फ्लेवर्ड हुक्का जैसे उत्पाद पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। इनके सेवन से हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है और लंबे समय तक प्रयोग से मानसिक अवसाद और ब्लड क्लॉट जैसी गंभीर बीमारियों की आशंका रहती है। कानून तोड़ने वालों के लिए तीन साल की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है। प्रतिबंध के बावजूद बंता नगर में खुलेआम ई-सिगरेट बेचा जाना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। सूत्रों के मुताबिक यहां से ई-सिगरेट की सप्लाई पूरे जमशेदपुर में होती थी और खरीदारों में ज्यादातर हाई सोसाइटी के युवा और स्कूली छात्र शामिल हैं। एक ई-सिगरेट की कीमत लगभग 4,000 रुपये तक होती है जबकि रिफिल और फ्लेवर 1,500 से 2,000 रुपये में बेचे जाते हैं। दुकानदार मुकेश प्रजापति उर्फ राजा पहले गांजा तस्करी में संलिप्त रहा है और धीरे-धीरे नशे के कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित की है। उसके फेसबुक प्रोफाइल पर विदेशी यात्राओं की तस्वीरें भी मिली हैं। जानकारों का मानना है कि यह कारोबार पुलिस और स्थानीय नेटवर्क की मिलीभगत से फल-फूल रहा है। अगर जांच गहराई से की गई तो बड़ा रैकेट सामने आ सकता है।