814वें उर्स पर अजमेर शरीफ में उमड़ा आस्था का सैलाब, ख्वाजा के दीवाने के नारों से गूंजी दरगाह
ख्वाजा गरीब नवाज़ के उर्स में देश-विदेश से पहुंचे जायरीन, अमन-चैन और भाईचारे की मांगी दुआ

बरवाडीह, लातेहार : सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह के 814वें उर्स के मुबारक अवसर पर अजमेर शरीफ दरगाह में आस्था और रूहानियत का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। उर्स के दौरान देश-विदेश से आए लाखों अकीदतमंदों ने दरगाह पर चादरपोशी कर अमन, भाईचारे और खुशहाली की दुआ मांगी। ख्वाजा के दीवाने और गरिब नवाज़ के नारों से दरगाह परिसर गूंज उठा। सुबह से ही दरगाह के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। जायरीन चादर, फूल और नजर-नियाज लेकर पहुंचे। चादरपोशी के दौरान कव्वालियों की गूंज ने माहौल को और भी रूहानी बना दिया। सूफियाना कलाम के जरिए ख्वाजा साहब के मोहब्बत, इंसानियत और भाईचारे के पैगाम को दोहराया गया। उर्स को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए दरगाह कमेटी और प्रशासन द्वारा सुरक्षा, सफाई, पेयजल और चिकित्सा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। कुल की फातिहा, महफिल-ए-समा और विशेष दुआओं के साथ उर्स संपन्न हुआ। इस अवसर पर बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के बेतला पोखरी कलां बगीचा से हाफिज अनवर हुसैन, हदीस अंसारी सहित सैकड़ों जायरीन ने दरगाह में हाजिरी लगाकर क्षेत्र की खुशहाली और देश में अमन-शांति के लिए दुआ की। उर्स ने एक बार फिर साबित किया कि अजमेर शरीफ मोहब्बत और इंसानियत का विश्वव्यापी केंद्र है।