लेटेमदा में हाथी के हमले से युवक की मौत, गांव में शोक की लहर, पीड़ित परिवार को मुआवजे का आश्वासन
खलिहान में सोते समय हाथी का हमला, असमय गई गौरांग महतो की जान, वन विभाग से सुरक्षा उपायों की मांग

तिरुलडीह : कूकड़ू प्रखंड के लेटेमदा (नतूनडीह) गांव में रविवार तड़के हाथी के हमले से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान गौरांग (बुका) महतो (पिता-धूमा महतो) के रूप में हुई है। घटना सुबह करीब 3:30 बजे की बताई जा रही है। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है और परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गौरांग महतो अपने जीवन में पहली बार खलिहान में सोए थे। ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले गांव में कभी हाथी का प्रवेश नहीं हुआ था जिससे यह घटना और भी अधिक पीड़ादायक बन गई। हमले के बाद मृतक के अंतिम शब्द “पानी दो… अब नहीं बचेंगे” सुनकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। घटना की सूचना मिलते ही तिरुलडीह थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कराई और पोस्टमार्टम की कार्रवाई सुनिश्चित की। इधर विस्थापित अधिकार मंच फाउंडेशन के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने चांडिल रेंज के वन अधिकारियों से वार्ता कर पीड़ित परिवार को तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने तथा पोस्टमार्टम के बाद शेष 3.5 लाख रुपये मुआवजा शीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिलाया। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथी भगाने के लिए विशेष त्वरित दल, रात्रिकालीन निगरानी और सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।