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रामगढ़ में सड़क हादसे के बाद स्कूल पर कार्रवाई, गुडविल मिशन स्कूल सील

रिपोर्ट: VBN News Desk21 घंटे पहलेझारखण्ड

यह घटना निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर भी सवाल खड़े करती है। यदि स्कूल बंद रहता, तो शायद इन मासूमों की जान बचाई जा सकती थी।

रामगढ़ में सड़क हादसे के बाद स्कूल पर कार्रवाई, गुडविल मिशन स्कूल सील

रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिले में बुधवार सुबह हुए भीषण सड़क हादसे में तीन स्कूली बच्चों और टेंपो ड्राइवर की मौत के बाद जिला प्रशासन ने गुडविल मिशन स्कूल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। देर शाम जिला प्रशासन की टीम ने स्कूल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया और विद्यालय प्रबंधन एवं प्राचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

सरकारी आदेश की अवहेलना बनी हादसे की वजह

बढ़ती ठंड के कारण झारखंड सरकार ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों को 13 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया था। इसके बावजूद गुडविल मिशन स्कूल प्रशासन ने बच्चों को स्कूल बुलाया, जिससे यह हादसा हुआ। बता दें कि बुधवार को रामगढ़-बोकारो मार्ग पर एनएच-23 स्थित मठबा टांड़ के पास स्कूली बच्चों को ले जा रहे टेंपो को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस दर्दनाक हादसे में तीन स्कूली बच्चों और टेंपो चालक की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि 10 अन्य बच्चे घायल हो गए। सभी घायल बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत अब स्थिर है।

प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई

घटना के बाद रामगढ़ जिला प्रशासन ने गुडविल मिशन स्कूल को सील करने का फैसला लिया। दंडाधिकारी संजीत कुमार की निगरानी में जिला शिक्षा अधिकारी (डीएसई), सीओ गोला, और बीडीओ गोला की उपस्थिति में यह कार्रवाई की गई।

ग्रामीणों का आक्रोश

घटना के बाद उग्र ग्रामीणों ने सड़क पर शवों के साथ घंटों जाम लगाया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने सवाल उठाए कि जब सरकार ने ठंड के कारण स्कूल बंद रखने का आदेश दिया था, तो स्कूल प्रशासन ने आदेश की अवहेलना क्यों की?

प्रशासन का रुख सख्त

प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और साफ किया है कि सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही और सरकारी आदेशों की अनदेखी को उजागर किया है, जिससे मासूम बच्चों की जान चली गई।

सवालों के घेरे में निजी स्कूल

यह घटना निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर भी सवाल खड़े करती है। यदि स्कूल बंद रहता, तो शायद इन मासूमों की जान बचाई जा सकती थी। प्रशासन अब ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखने और आदेशों का पालन सुनिश्चित करने की तैयारी कर रहा है।

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