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युवक-युवती के लापता होने का मामला उलझा, आरोपी को छोड़ आदित्यपुर पुलिस ने निर्दोष गोपी कुमार को उठाया, थर्ड डिग्री की आशंका से दहशत में परिवार

रिपोर्ट: MANISH 2 दिन पहलेझारखण्ड

मिठकु महतो पर अपहरण-साजिश और मारपीट के आरोप, फिर भी पुलिस की कार्रवाई शून्य

युवक-युवती के लापता होने का मामला उलझा, आरोपी को छोड़ आदित्यपुर पुलिस ने निर्दोष गोपी कुमार को उठाया, थर्ड डिग्री की आशंका से दहशत में परिवार

गम्हरिया : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में 15 नवंबर 2025 को एक ही दिन 22 वर्षीय बाप्पी कुमार और मुड़कुम निवासी किशोरी खुशी कुमारी के लापता होने का मामला अब पुलिस की कार्यशैली को लेकर बड़े विवाद में बदल गया है। लड़की के परिजनों द्वारा आदित्यपुर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट एवं अपहरण का शक जताते हुए बाप्पी कुमार पर आरोप लगाने के बाद भी बाप्पी की माँ लक्ष्मी कुमार जब अपने बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने गईं तो उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया गया कि एक ही मामले में दो FIR दर्ज नहीं होंगी। हालांकि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत दोनों पक्षों की गुमशुदगी दर्ज की जा सकती थी और पुलिस को दोनों की सुरक्षा व तलाश सुनिश्चित करनी चाहिए थी लेकिन आदित्यपुर थाना ने यह मूल व्यवस्था भी नहीं अपनाई। लक्ष्मी कुमार का आरोप है कि उनका बेटा लड़की को लेकर नहीं गया बल्कि पड़ोसी मिठकु महतो द्वारा मेरे बेटे को घर से बुलाया गया था जो कई असामाजिक गतिविधियों में शामिल रहता है। 17 नवंबर को मिठकु और उसके साथी राजा बेसरा उर्फ राजा माझी ने लक्ष्मी के घर पर हमला कर मारपीट, तोड़फोड़ और यहाँ तक कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार की धमकी तक दी। इसके बावजूद पुलिस ने मिठकु से पूछताछ तक नहीं की, न ही उसके खिलाफ FIR दर्ज की। हताश लक्ष्मी ने पूर्व वार्ड पार्षद ममता बेज से मदद मांगी जिन्होंने उन्हें एसपी कार्यालय जाने की सलाह दी। 19 नवंबर को महिला एसपी दफ्तर पहुँची और विस्तृत लिखित आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की। परंतु विवाद तब और बढ़ गया जब पुलिस ने न तो मिठकु को पकड़ा, न उसकी भूमिका की जांच की बल्कि उल्टे बाप्पी के रिश्तेदार और गोपी साउंड सिस्टम के मालिक गोपी कुमार को पूछताछ के नाम पर उठाकर ले गई। गोपी के पिता विजय कुमार का कहना है कि पुलिस पहले भी उनके बेटे को इसी मामले में उठाकर ले गई थी और बुरी तरह पीटा गया था। इस बार भी उन्हें आशंका है कि गोपी को थर्ड डिग्री टॉर्चर का सामना करना पड़ रहा होगा। पूर्व वार्ड पार्षद ममता बेज ने इसे अत्यंत अशोभनीय और असंवैधानिक पुलिसिंग करार देते हुए कहा कि पुलिस आरोपियों को छोड़कर निर्दोष लोगों को प्रताड़ित कर रही है, यह नियमों, प्रक्रिया और मानवाधिकार तीनों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कही है। वहीं लक्ष्मी कुमार का अब भी अपने बेटे की सलामती को लेकर रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि मिठकु मेरा बेटा को लेकर गया था, पुलिस मेरे बेटे को नहीं ढूंढ रही उल्टे रिश्तेदारों को उठा रही है… मेरे घर की औरतों को धमकाया गया, पुलिस ने एक बात भी नहीं सुनी। मामले ने पूरे इलाके में पुलिस पर विश्वसनीयता का बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

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