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दुमका : सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की तालाबंदी के कारण छात्रों पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव, करीब डेढ़ माह बाद प्रशासन ने तोड़ा ताला

रिपोर्ट: VBN News Desk3 घंटे पहलेझारखण्ड

आंदोलनकारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी की हुई थी, जिसे तोड़ने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया।

दुमका : सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की तालाबंदी के कारण छात्रों पर पड़ा प्रतिकूल प्रभाव, करीब डेढ़ माह बाद प्रशासन ने तोड़ा ताला

दुमका : सिदो-कान्हू कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय में कर्मचारियों द्वारा करीब डेढ़ माह से जारी आंदोलन और तालाबंदी के कारण विश्वविद्यालय के प्रशासनिक एवं अकादमिक भवनों में कार्य ठप पड़ा हुआ था। इस आंदोलन का सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव छात्रों पर पड़ा, क्योंकि परीक्षा और अन्य कार्यों को संपादित करना कठिन हो गया था। कर्मचारियों ने अपने सातवें वेतनमान की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट और भवनों में तालाबंदी कर रखी थी। इस स्थिति को लेकर कुलसचिव ने एसडीओ से मदद मांगी थी, जिसके बाद एसडीओ कौशल कुमार के आदेश पर शुक्रवार की देर शाम, एसडीपीओ विजय कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी विनित कुमार, दुमका बीडीओ उमेश मंडल और दिग्घी ओपी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ विश्वविद्यालय पहुंचे। आंदोलनकारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी की हुई थी, जिसे तोड़ने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया। पुलिस ने आंदोलनकारियों को चेतावनी दी कि यदि ताला नहीं खोला गया तो इसे तोड़ दिया जाएगा और सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य अपराधों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके बाद आंदोलनकारी कर्मचारी पीछे हट गए और प्रशासन ने विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर लगाये गए दोनों ताले साबल की मदद से तोड़ दिए। कुलसचिव ने बताया कि कर्मचारियों का आंदोलन 26 नवंबर से शुरू हुआ था और 29 नवंबर से विवि के गेटों और प्रशासनिक भवनों में तालाबंदी की गई थी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राजभवन और राज्य सरकार को भी सूचित किया गया था। अंततः 10 जनवरी को राजभवन और राज्य सरकार के निर्देशों के बाद, पुलिस बल की मदद से ताला खोला गया और विश्वविद्यालय में सामान्य कार्यवाही फिर से शुरू हुई।

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