पाकुड़ जिले में फर्जी विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र का मामला उजागर, अभिभावकों पर एफआईआर दर्ज
जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रखंड़ शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पाकुड़ : झारखंड के पाकुड़ जिले में कुछ अभिभावकों ने फर्जी तरीके से अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए फर्जी विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया। ये अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन नवोदय विद्यालय में करवाना चाहते थे, लेकिन नामांकन प्रक्रिया के दौरान यह मामला उजागर हो गया। कक्षा छह में नामांकन के लिए 2024 में 78 छात्र-छात्राओं का चयन नवोदय विद्यालय बागशीशा में किया गया था, जिसमें से 10 छात्र-छात्राओं के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। इन बच्चों ने दावा किया था कि वे पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा, लिट्टीपाड़ा और हिरणपुर के विद्यालयों से पढ़ाई कर रहे थे। नवोदय विद्यालय के प्राचार्य अवधेश कुमार ने इन छात्रों के दस्तावेज को संदेहास्पद मानते हुए उन्हें जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय भेजा। जिला शिक्षा अधीक्षक अनीता पुर्ति ने संबंधित विद्यालयों से जांच करवाने का आदेश दिया, जिसके बाद यह सामने आया कि इन छात्रों के द्वारा प्रस्तुत किए गए विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र और दस्तावेज फर्जी थे। सभी संबंधित विद्यालयों ने पुष्टि की कि उनके विद्यालय से किसी भी छात्र को परित्याग प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया था, और छात्रों के नाम विद्यालय रजिस्टर में दर्ज नहीं थे। इस मामले में अब एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। जिला शिक्षा अधीक्षक ने प्रखंड़ शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि फर्जी प्रमाण पत्र प्रिंट करवाने और दस्तावेजों में मोहरे और हस्ताक्षर की नकल करने का काम संबंधित विद्यालय के कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों ने किया था। अब यह मामला जांच के दायरे में है और देखना यह है कि एफआईआर के बाद क्या कार्रवाई होती है और आगे क्या खुलासा होता है। यह स्थिति यह भी दर्शाती है कि फर्जी दस्तावेज बनवाने से भविष्य में बच्चों का भला नहीं हो सकता, बल्कि यह उनके लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।